रांची। झारखंड सरकार की पहल और भारत सरकार के विदेश मंत्रालय के हस्तक्षेप के बाद अफ्रीकी देश ट्यूनीशिया में फंसे झारखंड के 48 मजदूरों की घर वापसी का रास्ता साफ हो गया है। सभी मजदूर 4 नवंबर को ट्यूनीशिया से भारत के लिए उड़ान भरेंगे। 5 नवंबर को मुंबई के छत्रपति शिवाजी एयरपोर्ट पर पहुंचने के बाद अपने-अपने गृह जिला लौटेंगे।
ये सभी लोग एलएंडटी की परियोजनाओं के लिए आउटसोर्सिंग के आधार पर काम करने वाली प्रेम कन्ट्रक्शन कंपनी के अधीन मजदूरी के लिए झारखंड के तीन जिलों से ले जाए गए थे, लेकिन उन्हें तीन महीने से वेतन का भुगतान नहीं किया जा रहा था। हाल में इन मजदूरों ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर अपनी दुर्दशा बताते हुए केंद्र और राज्य सरकार से मदद की गुहार लगाई थी। उन्होंने बताया था कि उन्हें धोखे से विदेश ले जाया गया और वहां बगैर वेतन दिए उनसे लगातार काम कराया जा रहा था। कंपनी ने उनके पासपोर्ट भी अपने पास रख लिए थे।
मामला सामने आने के बाद झारखंड सरकार ने तुरंत विदेश मंत्रालय से संपर्क किया। इसके बाद तत्काल कार्रवाई शुरू हुई। सरकार के हस्तक्षेप के बाद एलएंडटी कंपनी का प्रबंधन भी सक्रिय हुआ। आखिरकार इन मजदूरों से काम लेने वाली आउटसोर्सिंग कन्स्ट्रक्शन कंपनी ने मजदूरों के बकाया वेतन का पूरा भुगतान किया और उनके स्वदेश लौटने की व्यवस्था सुनिश्चित की।
एलएंडटी के अधिकारियों के अनुसार, मजदूरों की वापसी के सभी औपचारिक इंतजाम पूरे कर लिए गए हैं। सभी मजदूर हजारीबाग, गिरिडीह और बोकारो जिले के रहने वाले हैं। वे 4 नवंबर को ट्यूनीशिया से मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए उड़ान भरेंगे।
इस बीच, मजदूरों ने एक नया वीडियो जारी कर सरकार के साथ-साथ एलएंडटी कंपनी के प्रति आभार जताया है।

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