रांची: गृह मंत्रालय द्वारा जनगणना को लेकर आज जारी अधिसूचना को लेकर झारखंड मुक्ति मोर्चा ने केंद्र सरकार की मंशा पर सवाल उठाया है. अधिसूचना को भ्रामक बताते हुए झामुमो के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि जिस तरह से जनगणना का शेड्यूल जारी किया गया है, उससे साफ है कि निर्वाचित सदनों में महिलाओं के आरक्षण को अगले पांच वर्षों के लिए टाले जाने की योजना केंद्र सरकार की है.संवाददाता सम्मेलन के दौरान एक सवाल के जवाब में झामुमो नेता ने बिहार विधानसभा चुनाव में INDIA ब्लॉक में झामुमो की उपेक्षा पर कहा कि दोनों दलों को गठबंधन धर्म याद रखना चाहिए. जब राजद के सिर्फ एक विधायक होते हुए भी उन्हें पांच वर्ष मंत्रिपरिषद में रखा गया तो उनको भी गठबंधन धर्म याद रखना चाहिए. सुप्रियो भट्टाचार्य ने साफ किया कि पार्टी की इच्छा है कि रातू फ्लाईओवर का नामकरण राज्य के प्रतीक पुरुष शिबू सोरेन के नाम पर हो.झामुमो के केंद्रीय महासचिव ने कहा कि जिस तरह की जुमलेबाजी गृहमंत्री और प्रधानमंत्री करते हैं उसी तरह का गृह मंत्रालय की अधिसूचना है. सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि जनगणना भी दो चरणों में होगा,एक मकान आधारित और दूसरा व्यक्तिगत आधारित. अधिसूचना में कहा गया है कि संपूर्ण जनगणना डिजिटल होगा.इसका डेटा NPR में दर्ज किया जाएगा. यह अधिसूचना ही भ्रामक है,जो समय सीमा तय की गई है वह किसी भी सूरत में 2029 के लिए पर्याप्त नहीं है. 2029 के जनवरी में आचार संहिता लग जाएगा. 01 मार्च 2027 से 31 दिसंबर 2028 तक जनगणना और परिसीमन कर लिया जाए, यह संभव नहीं है. यानी फिर एक बार नारी आरक्षण को आगे के लिए टाल दिया जाएगा.सुप्रियो भट्टाचार्य ने जनगणना के फॉर्मेट पर सवाल उठाते हुए कहा कि घरों की गणना में हर एक चीज की गणना होती है. दूसरा पॉपुलेशन में स्त्री-पुलिंग जैसी जानकारी होती है. झामुमो नेता ने आरोप लगाया कि दरअसल NPR को आगे कर एक बड़े घालमेल का दस्तावेज तैयार किया जा रहा है. एक धर्म विशेष को टारगेट करना लक्ष्य है.
