रजरप्पा: राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड आंदोलन के प्रणेता दिवंगत दिशोम गुरु शिबू सोरेन की अस्थियों का शनिवार को रजरप्पा स्थित दामोदर नदी में विसर्जन किया गया। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने पारंपरिक विधि-विधान और स्थानीय रीति-रिवाजों के अनुसार अपने पिता की अस्थियां दामोदर नदी में प्रवाहित कीं।मुख्यमंत्री सुबह नेमरा स्थित पैतृक गांव से अस्थि-कलश लेकर रवाना हुए और रजरप्पा पहुंचे। यहां स्थानीय पाहन ने पारंपरिक विधियों के अनुरूप पूजा-पाठ कराया। इसके बाद मुख्यमंत्री ने नम आंखों और भारी मन से पिता की अस्थियां नदी में विसर्जित कीं। अस्थि-विसर्जन के दौरान मुख्यमंत्री की आंखों में छलकते आंसू साफ झलक रहे थे, जो पिता को खोने की गहरी पीड़ा बयां कर रहे थे।इस अवसर पर मुख्यमंत्री के छोटे भाई और दुमका विधायक बसंत सोरेन, अन्य परिजन और नेमरा ग्रामवासी मौजूद रहे। पूरे वातावरण में गमगीन माहौल था। पारिवारिक सदस्यों के साथ-साथ स्थानीय ग्रामीणों ने भी अपने “गुरुजी” को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।गौरतलब है कि दिशोम गुरु शिबू सोरेन को झारखंड की राजनीति और समाज में आदिवासी अस्मिता के प्रतीक के रूप में जाना जाता है। उनके निधन से पूरे प्रदेश में शोक की लहर है। अस्थि-विसर्जन के इस मौके पर उपस्थित लोगों ने भी उनकी स्मृतियों को नमन करते हुए उन्हें युगपुरुष बताया।रजरप्पा का यह क्षण न केवल एक पारिवारिक रस्म था, बल्कि झारखंड की जनता के लिए अपने “गुरुजी” को अंतिम विदाई देने का भावुक अवसर भी बन गया।
