पहलगाम हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहली बार जम्मू-कश्मीर पहुंच कर बड़ी सौगात दी । जम्मू-श्रीनगर रेलवे लाइन के लोकार्पण के साथ वो सपना पूरा होने जा रहा है जो करोड़ों भारतवासी वर्षों से देखे थे पीएम मोदी के दृढ़ संकल्प और भारतीय इंजीनियर्स के कुशल हाथों ने वो बना दिया है जिसे पूरी दुनिया देख रही है। ये है दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे पुल- चिनाब पुल। चिनाब ब्रिज का लोकार्पण बाद इसी ट्रैक पर बने अंजी ब्रिज का भी लोकार्पण किया इसके बाद पीएम मोदी कटरा से श्रीनगर के लिए शुरू होने जा रही वंदे भारत को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया । इस ट्रेन के जरिये कटरा से श्रीनगर का रास्ता केवल 3 घंटे का रह जाएगा। इनके अलावा पीएम मोदी 46 हजार करोड़ रुपये की बुनियादी इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन करने के साथ ही जम्मू कश्मीर के विकास की नई इबारत लिखे। चिनाब ब्रिज और अंजी ब्रिज दोनों ही इंजीनियर्स का उत्कृष्ट नमूना हैं। दोनों ही कश्मीर घाटी की लाइफ लाइन बनने जा रही हैं। एक तरफ दुनिया का सबसे ऊंचा पुल है तो दूसरी तरफ पहला केबल ब्रिज है जिस पर रेल गाड़ी फर्राटा भरेगी। दोनों एक ही ट्रैक पर बने हैं और दोनों हिमालय की पीर पंजाल रेंज में अडिग खड़े हैं। सकी खासियत जान लीजिए। नीचे कलकल बहती चिनाब नदी है और ऊपर ऐफिल टावर से भी ऊंचा 1177 फीट की ऊंचाई पर बना पुल। मानो बादलों से भी ऊपर एक पुल, जिस पर तेज रफ्तार से एक ट्रेन गुजरेगी। 46,000 करोड़ रुपये की प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का उद्घाटन किया जा रहा है, जिसका लोगों के जीवन पर बेहद सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। वास्तुकला की असाधारण उपलब्धि होने के अलावा, चिनाब रेल पुल जम्मू और श्रीनगर के बीच संपर्क को बेहतर बनाएगा। अंजी पुल चुनौतीपूर्ण भूभाग में भारत का पहला केबल-स्टेड रेल पुल है। उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल सम्पर्क (यूएसबीआरएल) परियोजना सभी मौसम में संपर्क सुनिश्चित करेगी और श्री माता वैष्णो देवी कटरा से श्रीनगर तक वंदे भारत ट्रेनें आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा देंगी और आजीविका के अवसर पैदा करेंगी।”
अभी कश्मीर घाटी तक सिर्फ नेशनल हाईवे- 44 के जरिए जाया जा सकता है। बर्फबारी होने पर ये रास्ता भी बंद हो जाता है लेकिन चिनाब ब्रिज बन जाने के बाद श्रीनगर पूरे देश से रेलवे के जरिए जुड़ गया है।
चिनाब रेल ब्रिज का ऐतिहासिक महत्व
चिनाब रेल ब्रिज का निर्माण 2003 में शुरू हुआ था और अब इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री मोदी करेंगे। यह पुल जम्मू-कश्मीर को भारत से जोड़ने वाला रणनीतिक और तकनीकी रूप से महत्वपूर्ण पुल है। इसकी खासियत इसकी ऊंचाई और मजबूती में निहित है, जो इसे विश्व में अद्वितीय बनाती है।
दुनिया का सबसे ऊंचा रेल ब्रिज
चिनाब रेल ब्रिज 359 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, जो इसे एफिल टावर से भी 35 मीटर ऊंचा बनाता है। यह न केवल दुनिया का सबसे ऊंचा बल्कि सबसे मजबूत आर्च ब्रिज भी है, जिसे भूकंप क्षेत्र में टिकाऊ बनाने के लिए अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया गया है।
जम्मू-कश्मीर की कनेक्टिविटी में क्रांतिकारी बदलाव
इस पुल के कारण कटरा से श्रीनगर तक यात्रा का समय घटकर मात्र 3 घंटे रह जाएगा। इससे न केवल यात्रियों को सुविधा मिलेगी, बल्कि पर्यटन और व्यापार को भी बड़ा बढ़ावा मिलेगा, जो क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास में मददगार साबित होगा।
वंदे भारत ट्रेन का सफल ट्रायल
चिनाब पुल पर वंदे भारत ट्रेन का ट्रायल जून 2024 में सफलतापूर्वक पूरा हुआ। यह ट्रायल पुल की मजबूती, सुरक्षा और उच्च तकनीकी मानकों को साबित करता है। अब यह ट्रेन जम्मू-कश्मीर को देश के बाकी हिस्सों से तेज़ और सुरक्षित रूप से जोड़ेगी।
चीन-पाकिस्तान की सतर्कता और चिंताएं
चिनाब पुल के निर्माण और उद्घाटन को लेकर चीन और पाकिस्तान सतर्क हैं। यह पुल भारत की सामरिक ताकत को बढ़ाने वाला है, जिससे इन देशों को भारत की बढ़ती क्षमताओं की चिंता सताने लगी है। इसकी जासूसी और निगरानी की खबरें भी सामने आई हैं।
भारत की सामरिक और आर्थिक मजबूती
यह पुल केवल एक इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट नहीं, बल्कि भारत की सामरिक ताकत और आर्थिक विकास का प्रतीक है। यह सेना को तेज़ी से सीमाओं पर पहुंचाने में मदद करेगा, साथ ही जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था और व्यापारिक अवसरों को भी बढ़ावा देगा।
टिकाऊपन और दीर्घायु की मिसाल
चिनाब रेल ब्रिज की अनुमानित आयु 125 वर्षों से अधिक है। इसकी डिजाइन और निर्माण में दीर्घकालिक टिकाऊपन पर विशेष ध्यान दिया गया है, जिससे यह पुल आने वाली पीढ़ियों के लिए भी भारत की इंजीनियरिंग का चमकता हुआ उदाहरण रहेगा।
उद्घाटन के बाद की उम्मीदें
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा इस पुल के उद्घाटन से भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर और सामरिक क्षेत्र में एक नया युग शुरू होगा। यह पुल जम्मू-कश्मीर को हर मौसम में देश से जोड़ेगा और क्षेत्र में स्थिरता, समृद्धि तथा सुरक्षा को बढ़ावा देगा।
