नई दिल्ली/पुंछ: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान माता या पिता को खो चुके 22 बच्चों की शिक्षा और भरण-पोषण का पूरा खर्च उठाएंगे। कांग्रेस ने इसे राहुल गांधी की एक मानवीय पहल बताया है। जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष तारिक हमीद कर्रा ने जानकारी दी कि इन बच्चों के परिवारों में अब कोई कमाने वाला नहीं बचा है। राहुल गांधी ने इन बच्चों को गोद लेने का निर्णय लिया है और वादा किया है कि यह मदद तब तक जारी रहेगी जब तक वे अपनी स्नातक शिक्षा पूरी नहीं कर लेते। राहुल गांधी ने हाल ही में पुंछ का दौरा किया था, जहां उन्होंने इन बच्चों और उनके परिवारों से मुलाकात की। बच्चों से बात करते हुए उन्होंने कहा, “मुझे तुम पर बहुत गर्व है। तुम्हें अपने दोस्तों की याद आती है, मुझे इसका बहुत दुख है। थोड़ा डर लग रहा है, लेकिन चिंता मत करो, सब कुछ सामान्य हो जाएगा। तुम्हें खूब पढ़ाई करनी है, खेलना है और ढेर सारे दोस्त बनाना है।” बताया गया है कि बुधवार को इन बच्चों को पहली किस्त की सहायता राशि सौंपी जाएगी। उल्लेखनीय है कि 22 अप्रैल, 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम स्थित बैसरन घाटी में एक भीषण आतंकी हमला हुआ था, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी। इसके बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान में मौजूद 9 आतंकी ठिकानों को नष्ट* कर दिया। जवाबी कार्रवाई के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिन तक सीमा पर संघर्ष चला, जिसका सबसे ज्यादा असर पुंछ जिले पर पड़ा। पाकिस्तान की ओर से की गई मिसाइल और ड्रोन हमलों में कई नागरिकों की जान गई और कई परिवार उजड़ गए। राहुल गांधी ने हमले के बाद केंद्र सरकार की *विदेश नीति और सुरक्षा रणनीति पर सवाल उठाए थे। इस पर भाजपा ने पलटवार करते हुए उन पर पाकिस्तान का समर्थन करने का आरोप लगाया। बीजेपी आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने कहा कि जब दुनिया भारत के साथ खड़ी थी, तब राहुल गांधी सरकार की आलोचना कर दुश्मन का विमर्श आगे बढ़ा रहे थे। हालांकि, राहुल गांधी ने जोर देकर कहा कि सरकार को चाहिए कि इस हमले में मारे गए लोगों को शहीद का दर्जा दे और उनके परिवारों को सम्मानजनक मुआवजा मिले।
