रांची : बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर मंथन जारी है । एनडीए हो या इंडी गठबंधन के बीच सीट शियरिंग की राह आसान नहीं है है । झामुमो की मांग पर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने विचार करने का निर्णय ले सकते है । झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के साथ सीट बंटवारे पर बातचीत सकारात्मक दिशा में बढ़ रही है।झामुमो ने बिहार में 12 वैसे विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है, जो झारखंड की सीमा से सटे हुए हैं। इसके साथ ही, राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (रालोजपा) भी महागठबंधन में शामिल होने की दिशा में कदम बढ़ा रही है, जिससे गठबंधन की ताकत और बढ़ने की संभावना है। झारखंड मुक्ति मोर्चा ने बिहार में अपनी उपस्थिति मजबूत करने के लिए सीटों की मांग रखी है। तेजस्वी यादव ने इस मांग को गंभीरता से लेते हुए कहा है कि राजद और झामुमो के बीच लंबे समय से गठबंधन का रिश्ता रहा है और उनकी मांगों पर सकारात्मक विचार किया जाएगा।दोनों दलों के शीर्ष नेताओं के बीच जल्द ही एक औपचारिक बैठक होने की उम्मीद है, जिसमें सीटों की संख्या और क्षेत्रों पर अंतिम फैसला लिया जाएगा।
झामुमो महासचिव सह प्रवक्ता विनोद पांडेय के मुताबिक गठबंधन में झामुमो को साथ लेने से बिहार में मजबूती मिलेगी। झामुमो का वोट बैंक चुनाव परिणामों पर सकारात्मक असर डालेगा।दरअसल, झामुमो की नाराजगी को देखते हुए राजद एक संतुलित रणनीति अपना रहा है। पिछले वर्ष हुए झारखंड विधानसभा चुनाव में राजद को राज्य में सात सीटें मिली थीं। अब बिहार में झामुमो की मांगों को पूरा करने के लिए राजद सावधानीपूर्वक कदम उठा रहा है ताकि, गठबंधन में दरार न आए।
तेजस्वी ने पटना में कहा है कि हम सब मिलकर बिहार में एनडीए को हराने के लिए एकजुट हैं। सभी सहयोगी दलों की मांगों का सम्मान किया जाएगा।शनिवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय रामविलास पासवान की जयंती समारोह में तेजस्वी यादव ने पशुपति कुमार पारस के नेतृत्व वाले रालोजपा को भी गठबंधन का हिस्सा बनाने पर हामी भरी है।तेजस्वी ने यह भी बताया कि वे रांची जाकर झामुमो के संस्थापक शिबू सोरेन से मिलने वाले थे, लेकिन उनकी तबीयत खराब होने के कारण यह मुलाकात टल गई। हेमंत सोरेन के साथ उनकी बातचीत हुई है और झामुमो ने महागठबंधन में शामिल होने की इच्छा जताई है। तेजस्वी ने कहा कि हम चाहते हैं कि एनडीए को हराने के लिए सभी धर्मनिरपेक्ष ताकतें एकजुट हों। सीट बंटवारे को लेकर कुछ जटिलताएं भी सामने आ रही हैं। कांग्रेस और वाम दलों ने भी अपनी-अपनी मांगें रखी हैं, जिससे गठबंधन में संतुलन बनाना राजद के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
