डेस्क : बिहार की राजनीति में अब चुनावी रैलियों, धरना-प्रदर्शनों और बयानबाजियों से ज्यादा पोस्टरबाजी का दौर चल पड़ा है. नेता अब माइक्रोफोन छोड़कर पोस्टर के जरिए एक-दूसरे पर वार कर रहे हैं. हालत यह हो गई है कि राजधानी पटना की दीवारें अब राजनीति का अखाड़ा बन गई हैं, जहां पोस्टर ही उम्मीदवार और पोस्टर ही प्रचार मंत्री बन चुके हैं.
ताज़ा पोस्टर वॉर में राजद नेत्री ने एनडीए सरकार पर तंज कसते हुए बड़े-बड़े पोस्टर लगवा दिए. पोस्टर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, चिराग पासवान और जीतन राम मांझी तक सबकी तस्वीरें मौजूद हैं. शब्द ऐसे कि कोई सोचे कि सरकार चलाने की नहीं, दीवारें सजाने की होड़ मची हो.
पोस्टर में लिखा है – आंख छीनकर चश्मा देने वाले लोग, रख लो अपने पास ये सौगात-ए-मोदी कीट. अब ये नया “कीट” कौन सा है, इसका पता शायद पोस्टर छपवाने वालों को भी नहीं होगा. इसके साथ वक्फ बिल वापस लेने और मोहब्बत बांटने की नसीहत भी दी गई है.
अगर यही सिलसिला जारी रहा, तो बिहार में जल्द ही ‘बेस्ट पोस्टर अवॉर्ड’ की भी शुरुआत हो सकती है. चुनावी वादों से ज्यादा अब पोस्टर का ग्राफिक्स और नारेबाजी मायने रखने लगी है. जनता भी सोच रही होगी कि नेता उनकी समस्याएं हल करने आए थे या आर्ट और क्रिएटिव राइटिंग का कोर्स करने. खेर ये क्रिएटिविटी कहाँ तक जाती है ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा.
