हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर में मची भगदड़ में अब तक 8 लोगों की मौत हुई है, लोगों की हालत गंभीर है, उन्हें एम्स हरिद्वार में भर्ती कराया गया है. करीब 30 लोगों घायल हुए हैं. रविवार को मंदिर में भारी भीड़ थी. इसी बीच भीड़ में बिजली का करंट आने की अफवाह अचानक से फैल गई. अफवाह के बाद भगदड़ मच गई और लोग एक-दूसरे पर गिरते चले गए. रास्ता संकरा होने की वजह से लोगों को बचने की कोई जगह नहीं मिली. इस हादसे में 30 अन्य लोग घायल हो गए, घायलों में पांच की हालत नाजुक है. भगदड़ पर स्थानीय लोगों का कहना है कि सावन का महीना और रविवार का दिन होने के कारण काफी संख्या में श्रद्धालु मंदिर पहुंचे थे, भीड़ जुटने की उम्मीद थी इसके बाद भी मंदिर मार्ग पर प्रशासन की ओर से सुरक्षा और भीड़ को नियंत्रित करने के कोई खास इंतजाम नहीं थे. मची भगदड़ ने प्रशासन की व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि मंदिर मार्ग काफी संकरा है और इसी मार्ग से श्रद्धालु मंदिर की ओर जा रहे थे और इसी से दर्शन करने के बाद वापस लौट भी रहे थे. रविवार तड़के से ही मंदिर में बड़ी संख्या में लोग आ रहे थे. सुबह सात बजे के बाद भीड़ इस कदर बढ़ी कि रास्ते में तिल रखने की भी जगह नहीं बची और लोग एक दूसरे से सट कर आगे खिसक रहे थे । सी बीच भीड़ में बिजली का करंट आने की अफवाह अचानक से फैल गई. अफवाह के बाद भगदड़ मच गई और लोग एक-दूसरे पर गिरते चले गए. रास्ता संकरा होने की वजह से लोगों को बचने की कोई जगह नहीं मिली. लोग एक दूसरे के शरीर पर चढ़कर निकलने की कोशिश करने लगे हादसे के बाद घायलों को हरिद्वार जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर, हरिद्वार के जिला मजिस्ट्रेट को घटना की मजिस्ट्रेटी जांच करने का आदेश दिया गया है। मनसा देवी ट्रस्ट व अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने ट्रस्ट की ओर से सहायता राशि की घोषणा की। उन्होंने मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख और घायलों को एक-एक लाख रुपये ट्रस्ट की ओर से देने की घोषणा की।
