चाईबासा : झारखंड के चाईबासा बाल सुधार गृह से मंगलवार शाम को 21 किशोर कैदियों के फरार होने की घटना ने पूरे राज्य में हड़कंप मचा दिया है। इस घटना ने न केवल सुधार गृह की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी है, बल्कि इन संस्थानों के प्रबंधन और प्रभावशीलता पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
क्या है घटना
मीडिया के एक रिपोर्ट के अनुसार, मंगलवार शाम को चाईबासा बाल सुधार गृह में 16 से 18 वर्ष की आयु के 21 किशोरों ने गेट तोड़कर और सीसीटीवी कैमरे नष्ट करके भागने में सफलता हासिल की। घटनास्थल की तस्वीरों में सुधार गृह के बाहर का दृश्य दिखाई देता है, जिसमें टूटे हुए गेट, बिखरे हुए सामान और कुछ मोटरसाइकिलें नजर आ रही हैं। बताया जा रहा है कि इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था बेहद लचर थी, जिसका फायदा इन किशोरों ने उठाया।
विपक्ष का सरकार पर हमला
झारखंड विधानसभा में विपक्ष के नेता और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता अमर कुमार बाउरी ने इस घटना को लेकर राज्य की हेमंत सोरेन सरकार पर जमकर निशाना साधा है। अपने एक्स पोस्ट में बाउरी ने लिखा, “चाईबासा बाल सुधार गृह से किशोर कैदियों का फरार होना सुरक्षा व्यवस्था की विफलता और सरकार की उदासीनता का स्पष्ट प्रमाण है।” उन्होंने मांग की है कि फरार किशोरों को जल्द से जल्द वापस लाया जाए और उनके लिए उचित काउंसलिंग की व्यवस्था की जाए ताकि वे दोबारा गलत रास्ते पर न जाएं। इसके साथ ही, उन्होंने इस घटना की उच्चस्तरीय और निष्पक्ष जांच की मांग की है ताकि यह पता लगाया जा सके कि आखिर इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार कौन है।
पुलिस और प्रशासन की प्रतिक्रिया
घटना की सूचना मिलते ही चाईबासा सदर सब-डिविजनल ऑफिस और पुलिस विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, “हमने फरार किशोरों को पकड़ने के लिए एक व्यापक तलाशी अभियान शुरू कर दिया है। साथ ही, इस घटना की जांच की जा रही है ताकि यह समझा जा सके कि आखिर इतनी बड़ी चूक कैसे हुई।” इन किशोरों पर चोरी और तोड़फोड़ जैसे अपराधों के आरोप हैं।
एक कार्यकर्ता ने कहा, “इन सुधार गृहों को बच्चों के लिए एक सुरक्षित और सहायक माहौल प्रदान करना चाहिए, न कि उन्हें अपराध की दुनिया में और गहराई तक धकेलना चाहिए। सरकार को इन संस्थानों में बुनियादी सुविधाओं, प्रशिक्षित स्टाफ और काउंसलिंग की व्यवस्था पर ध्यान देना होगा।”
फिलहाल, पुलिस फरार किशोरों की तलाश में जुटी है, लेकिन यह घटना समाज और सरकार के सामने कई सवाल छोड़ गई है।अब यह देखना बाकी है कि सरकार इस दिशा में क्या ठोस कदम उठाती है।
चाईबासा बाल सुधार गृह से बड़ी संख्या में किशोर कैदियों का फरार होना न केवल सुरक्षा व्यवस्था की विफलता है, बल्कि यह सरकार की उदासीनता को भी उजागर करता है।
बाल सुधार गृह का मकसद बच्चों को नई दिशा देना होता है, लेकिन जब वहां से बच्चे भाग जाते हैं, तो सवाल उठता है—क्या ये संस्थान… pic.twitter.com/G9ubCocRtl
— Amar Kumar Bauri (@amarbauri) April 2, 2025
