पटना: परीक्षा परिणाम आधारित वेतनानुदान राशि के बदले वेतन संरचना की निर्धारण, प्रतिमाह वेतन भुगतान सहित पांच सूत्री मांगों को लेकर बिहार राज्य संबद्ध डिग्री महाविद्यालय शिक्षक-शिक्षकेतर कर्मचारी महासंघ (फैक्टनेब) के आह्वान पर गुरुवार को बिहार के 220 संबद्ध डिग्री महाविद्यालयों के हजारों शिक्षक और शिक्षकेतर कर्मचारियों ने विधानमंडल के समक्ष विरोध प्रदर्शन किया और धरना दिया। इस धरना-प्रदर्शन का नेतृत्व महासंघ के अध्यक्ष डॉ. शंभुनाथ प्रसाद सिन्हा, महासचिव प्रो. राजीव रंजन और मीडिया प्रभारी प्रो. अरुण गौतम ने किया।
धरनार्थियों को संबोधित करते हुए विधान पार्षद डॉ. संजय कुमार सिंह, डॉ. संजीव कुमार सिंह, जीवन कुमार और वंशीधर ब्रजवासी ने कहा कि राज्य में उच्च शिक्षा के स्तर को सुधारने और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए संबद्ध डिग्री महाविद्यालयों के शिक्षाकर्मियों को उचित वेतन संरचना के तहत प्रतिमाह वेतन भुगतान किया जाना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि राज्य सरकार के पास कोई दूसरा विकल्प नहीं है।
सभी विधान पार्षदों ने एक स्वर में यह आश्वासन दिया कि वे शिक्षाकर्मियों के बकाया वेतनानुदान का एकमुश्त भुगतान और नियमित वेतन भुगतान के लिए उनका साथ देंगे और सड़क से लेकर सदन तक इस संघर्ष में भाग लेंगे। एआईफुक्टो के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. (प्रो.) अरुण कुमार ने फैक्टनेब के आंदोलन का समर्थन करते हुए कहा कि एआईफुक्टो न केवल बिहार में, बल्कि पूरे भारत में इस आंदोलन को जोरदार तरीके से उठाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि 29 अप्रैल को दिल्ली में संसद के समक्ष एक बड़ा प्रदर्शन आयोजित किया जाएगा, ताकि इस मुद्दे को उच्चतम स्तर तक पहुंचाया जा सके।
धरना स्थल पर आयोजित सभा का संचालन डॉ. रविंद्र कुमार ने किया। सभा में कई प्रमुख नेताओं और शिक्षाविदों ने अपना वक्तव्य दिया, जिनमें डॉ. शंभुनाथ प्रसाद सिन्हा, प्रो. राजीव रंजन, प्रो. अरुण गौतम, डॉ. दीपक कुमार सिंह, ओम प्रकाश सिंह, डॉ. भरत सिंह, प्रेम किशोर कुमार, डॉ. वीरेंद्र कुमार सिंह, डॉ. चंद्र प्रकाश यादव, डॉ. महेश कुमार, डॉ. शंभुनाथ ठाकुर, हरि प्रसाद राय, डॉ. शारदा कुमारी, डॉ. धर्मेंद्र कुमार चौधरी, डॉ. सत्येंद्र कुमार सिंह,
डॉ. नवल किशोर प्रसाद सिंह, डॉ. रसीद मसुद, डॉ. मणिंद्र कुमार, डॉ. सुमंत कुमार सिन्हा, डॉ. पितृ कुमार, प्रो. श्रवण कुमार, डॉ. अनीता कुमारी और डॉ. राजनाथ सिंह आदि शामिल थे। फैक्टनेब के मीडिया प्रभारी प्रो. अरुण गौतम ने जानकारी दी कि 27 मार्च को विधानमंडल के समक्ष संबद्ध डिग्री महाविद्यालय के शिक्षाकर्मी सामूहिक उपवास पर बैठेंगे। इसके अलावा आगे की रणनीति की घोषणा भी 27 मार्च को की जाएगी, ताकि आंदोलन को और प्रभावी तरीके से आगे बढ़ाया जा सके। यह धरना और प्रदर्शन राज्य सरकार के सामने शिक्षाकर्मियों की अधिकारों की रक्षा करने और उनके उचित वेतन भुगतान की सुनिश्चितता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था।
