देवघर: शभर में साइबर अपराधी नए-नए तरीकों से आम जनता को ठगने का प्रयास कर रहे हैं। इसी कड़ी में, मंईयां सम्मान योजना के नाम पर ठगी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इस योजना के तहत साइबर अपराधी फोन कॉल या लिंक भेजकर लोगों को फंसाने का प्रयास कर रहे हैं। इन मामलों को गंभीरता से लेते हुए उपायुक्त ने जिलावासियों को सतर्क रहने और किसी भी अनजान कॉल या लिंक पर भरोसा न करने की सलाह दी है।
ठगी का नया तरीका
साइबर अपराधी खुद को सरकारी अधिकारी या योजना से संबंधित कर्मचारी बताकर लोगों को फोन करते हैं। वे मंईयां सम्मान योजना का लाभ दिलाने या योजना की किस्त राशि को जारी करने के नाम पर बैंक खाता जानकारी, आधार नंबर, ओटीपी आदि मांगते हैं। यदि कोई व्यक्ति इनकी बातों में आकर जानकारी साझा कर देता है, तो ठग उस व्यक्ति के बैंक खाते से पैसे उड़ा लेते हैं।
कैसे करते हैं ठगी?
1. फर्जी फोन कॉल: अपराधी योजना का लाभ दिलाने का झांसा देकर फोन करते हैं और बैंक खाता जानकारी मांगते हैं।
2. लिंक भेजकर ठगी: वे एसएमएस या व्हाट्सएप पर लिंक भेजते हैं और उस पर क्लिक करने के लिए कहते हैं। लिंक पर क्लिक करते ही व्यक्ति के फोन में वायरस आ जाता है या बैंक खाते से पैसे निकल जाते हैं।
3. फर्जी दस्तावेज: कुछ मामलों में अपराधी नकली दस्तावेज तैयार कर योजना का लाभ दिलाने का दावा करते हैं।
4. सोशल मीडिया के जरिए जाल: सोशल मीडिया पर नकली पेज या ग्रुप बनाकर लोग फंसाए जाते हैं।
उपायुक्त का संदेश
उपायुक्त ने जिलावासियों से अपील की है कि वे मंईयां सम्मान योजना या किसी अन्य सरकारी योजना से जुड़े किसी भी लिंक या फोन कॉल से सतर्क रहें। उन्होंने कहा कि सरकार या विभाग कभी भी फोन पर बैंक खाता या अन्य संवेदनशील जानकारी नहीं मांगते। यदि कोई ऐसा कॉल आए, तो तुरंत सतर्क हो जाएं और अपनी जानकारी साझा न करें।
उपायुक्त ने स्पष्ट किया कि जिले में कोई भी अधिकारी या कर्मचारी मंईयां सम्मान योजना के तहत फोन करके लाभ दिलाने या किस्त राशि जारी करने का दावा नहीं कर रहा है। यदि किसी को इस प्रकार का कॉल आता है या कोई लिंक मिलता है, तो उसकी जानकारी तुरंत नजदीकी थाना, साइबर थाना या पुलिस नियंत्रण कक्ष (100 नंबर) पर दें।
साइबर सुरक्षा के लिए सुझाव
1. किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक न करें।
2. फोन पर बैंक खाता, आधार नंबर या ओटीपी साझा न करें।
3. यदि कोई सरकारी योजना के नाम पर कॉल आए, तो उसकी पुष्टि संबंधित विभाग से करें।
4. साइबर थाना में तुरंत शिकायत दर्ज कराएं।
5. फोन में एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर का उपयोग करें।
जागरूकता ही सुरक्षा
उपायुक्त ने कहा कि जनता को जागरूक करने के लिए प्रशासन लगातार अभियान चला रहा है। इसके तहत गांवों और शहरों में जागरूकता शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। साथ ही सोशल मीडिया और समाचार पत्रों के माध्यम से भी लोगों को सचेत किया जा रहा है।
साइबर अपराध पर त्वरित कार्रवाई
उपायुक्त ने बताया कि साइबर अपराध से निपटने के लिए पुलिस विभाग पूरी तरह से सतर्क है। जिले में साइबर सेल को विशेष निर्देश दिए गए हैं कि ऐसे मामलों पर त्वरित कार्रवाई करें। यदि कोई व्यक्ति साइबर ठगी का शिकार होता है, तो उसकी शिकायत को प्राथमिकता देते हुए उचित कार्रवाई की जाएगी।
जनता से अपील
उपायुक्त ने अंत में कहा कि किसी भी प्रकार की ठगी से बचने के लिए सतर्कता अत्यंत महत्वपूर्ण है। यदि किसी व्यक्ति को साइबर अपराध का संदेह होता है या किसी ने ठगी का प्रयास किया है, तो तुरंत पुलिस या साइबर थाना में संपर्क करें। किसी भी स्थिति में अपनी बैंक जानकारी या ओटीपी किसी को न दें।
सरकार और प्रशासन जनता की सुरक्षा के लिए तत्पर हैं, लेकिन साइबर अपराधों से बचने के लिए आम नागरिकों को भी जागरूक और सतर्क रहना होगा।
