मथुरा, उत्तर प्रदेश : बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने मंगलवार को मथुरा में वक्फ संशोधन विधेयक 2024 को लेकर अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड से जुड़े ज्यादातर मामले मुकदमों तक सीमित हैं और इनसे समाज, खासकर गरीबों को कोई फायदा नहीं हो रहा है। खान ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि जब वे उत्तर प्रदेश में मंत्री थे, तब वक्फ विभाग उनके अधीन था। उस दौरान उन्होंने देखा कि वक्फ से जुड़े 90% मामले मुकदमेबाजी से भरे थे।
उन्होंने मथुरा का उदाहरण देते हुए सवाल उठाया, “मथुरा में जितने वक्फ हैं, क्या उनमें समाज के लिए कोई काम हो रहा है? एक ही जमीन पर कई मुकदमे चल रहे हैं, इसका निदान होना चाहिए।” खान ने यह भी कहा कि आज वक्फ की संपत्तियों पर बड़े लोगों का कब्जा है, जिसके चलते गरीबों को इसका कोई लाभ नहीं मिल पा रहा।
वक्फ संशोधन विधेयक 2024 का पृष्ठभूमि
वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 को लेकर संसद में भी चर्चा गरम है। यह विधेयक अगस्त 2024 में लोकसभा में पेश किया गया था और इसमें वक्फ अधिनियम में 40 संशोधनों का प्रस्ताव है। विधेयक का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों से जुड़े विवादों को कम करना और पारदर्शिता लाना है। संयुक्त संसदीय समिति (JPC) की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश में ही 57,792 सरकारी संपत्तियों पर वक्फ बोर्ड ने दावा किया है, लेकिन इनमें से कई के दस्तावेज तहसील रिकॉर्ड में मौजूद नहीं हैं।
वक्फ संपत्तियों पर विवाद
वक्फ संपत्तियों को लेकर देशभर में 58,000 से अधिक शिकायतें दर्ज हैं, जिनमें से 18,426 मामले वक्फ ट्रिब्यूनल में लंबित हैं। मथुरा सहित उत्तर प्रदेश के कई जिलों जैसे अयोध्या, शाहजहांपुर, रामपुर, जौनपुर और बरेली में बड़े पैमाने पर अतिक्रमण की खबरें सामने आई हैं। खान ने इस बात पर जोर दिया कि इन विवादों का समाधान जरूरी है ताकि वक्फ संपत्तियों का सही उपयोग समाज के हित में हो सके।
संसद में चर्चा
लोकसभा में बुधवार को इस विधेयक पर चर्चा के दौरान सरकार और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने विधेयक को सदन में पेश किया और सरकार की ओर से चर्चा शुरू की। विधेयक के गुरुवार को राज्यसभा में पेश होने की संभावना है।
आरिफ मोहम्मद खान का यह बयान ऐसे समय में आया है जब वक्फ संपत्तियों को लेकर देशभर में बहस छिड़ी हुई है। उनके बयान ने इस मुद्दे पर एक नई बहस को जन्म दे दिया है कि क्या वक्फ संपत्तियां वाकई समाज के हित में काम कर रही हैं या सिर्फ विवादों का कारण बन रही हैं।
