जोगबनी l प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन, अररिया के अध्यक्ष कुमार अनुप, महासचिव खुर्शीद खान और कार्यकारी अध्यक्ष अजित सिन्हा ने एक संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए बताया कि भारत सरकार ने सभी सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों के लिए आपार कार्ड बनवाना अनिवार्य कर दिया है। इस कदम के तहत हर बच्चे को एक यूनिक यूनिफाइड नंबर मिलेगा, जिसके द्वारा उनके शैक्षिक और व्यक्तिगत विवरणों को डिजिटल रूप से संग्रहीत किया जाएगा।
आपार कार्ड का महत्व और इसकी प्रक्रिया
महासचिव खुर्शीद खान ने इस बारे में विस्तृत जानकारी दी कि आपार कार्ड में बच्चों का पूरा शैक्षिक रिकॉर्ड सुरक्षित रहेगा, जिसमें उनका नाम, स्कूल का नाम, कक्षा, परीक्षा के अंक, और अन्य महत्वपूर्ण विवरण शामिल होंगे। इस कार्ड के माध्यम से बच्चों का डेटा एक डिजिटल लॉकर में सुरक्षित किया जाएगा, जो उन्हें भविष्य में उच्च शिक्षा, सरकारी सेवाओं और अन्य सुविधाओं के लिए आवेदन करते वक्त सहूलियत प्रदान करेगा।
खुर्शीद खान ने बताया, “आपार कार्ड का मुख्य उद्देश्य बच्चों के शैक्षिक डेटा को एकत्र करना और सुरक्षित रखना है। इसके माध्यम से बच्चों की शैक्षिक यात्रा की पूरी जानकारी एक जगह पर उपलब्ध होगी, और यह भविष्य में उनके लिए कई शैक्षिक और सरकारी अवसरों को खोलने में मदद करेगा।”
सीमापार नेपाल में पढ़ रहे बच्चों के लिए चिंता
महासचिव खुर्शीद खान ने यह भी कहा कि जिन भारतीय बच्चों का शिक्षा जीवन नेपाल में स्थित स्कूलों में बीत रहा है, उन्हें इस कार्ड से संबंधित भविष्य में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। उनका कहना था, “भारत में पढ़ रहे बच्चों के लिए तो आपार कार्ड की प्रक्रिया सरल है, लेकिन जिन बच्चों ने नेपाल के स्कूलों में शिक्षा प्राप्त की है, उन्हें इस कार्ड की आवश्यकता हो सकती है, जिससे उन्हें उच्च शिक्षा और सरकारी सेवाओं का लाभ मिल सके।”
उन्होंने अभिभावकों से आग्रह किया कि वे नेपाल में पढ़ाई कर रहे अपने बच्चों के लिए भी आपार कार्ड बनवाने की प्रक्रिया पूरी करें, ताकि वे भविष्य में किसी भी सरकारी सुविधा का लाभ उठा सकें।
अभिभावकों से अपील
कार्यकारी अध्यक्ष अजित सिन्हा ने सभी अभिभावकों से अपील करते हुए कहा कि वे अपने बच्चों के लिए आपार कार्ड की प्रक्रिया तुरंत शुरू करें, क्योंकि बिना इस कार्ड के अब बच्चों को बैंक खाता खोलने, सरकारी योजनाओं का लाभ लेने, और अन्य सरकारी सेवाओं का लाभ उठाने में कठिनाई हो सकती है।
उन्होंने कहा, “आपार कार्ड बच्चों के लिए भविष्य में जरूरी होगा, और इसके बिना बच्चों को सरकारी सुविधाएं प्राप्त करना अब संभव नहीं होगा। इसलिए, सभी अभिभावकों से अपील है कि वे अपने बच्चों के आपार कार्ड की प्रक्रिया को जल्दी से जल्दी पूरा करें।”
अजित सिन्हा ने विशेष रूप से सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले अभिभावकों से आग्रह किया कि वे नेपाल में पढ़ रहे अपने बच्चों के लिए भी आपार कार्ड बनवाएं, ताकि उन्हें किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े।
भारत सरकार द्वारा आपार कार्ड को अनिवार्य करना बच्चों के शैक्षिक और व्यक्तिगत डेटा को सुरक्षित रखने का एक बड़ा कदम है। यह कार्ड न केवल बच्चों के शैक्षिक विवरणों को एक जगह पर सुरक्षित रखेगा, बल्कि उन्हें भविष्य में उच्च शिक्षा, सरकारी सेवाओं और अन्य महत्वपूर्ण अवसरों का लाभ उठाने में भी मदद करेगा।
अभिभावकों से अपील की गई है कि वे अपने बच्चों के लिए जल्द से जल्द आपार कार्ड बनवाएं, ताकि वे भविष्य में किसी भी तरह की कठिनाइयों से बच सकें। विशेष रूप से, नेपाल में पढ़ने वाले बच्चों को इस प्रक्रिया का पालन करना आवश्यक होगा, ताकि वे भी सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकें और उन्हें उच्च शिक्षा में कोई समस्या न हो।
