भागलपुर। बिहार के मुंगेर जिले के घोरघट गांव में पड़ेस्टैल के साथ 12 फीट ऊंची संविधान निर्माता बाबा साहब भीम राव आंबेडकर की प्रतिमा लगेगी। जिसे ‘स्टैच्यू ऑफ इक्वालिटी’ के नाम से जाना जायेगा। प्रतिमा का निर्माण किया है विख्यात मूर्तिकार राम सुतार की टीम ने, गुजरात में राम सुतार की टीम ने ही सरदार पटेल की मूर्ति भी बनाई थी। इस मूर्ति को एक ख़ास शिल्प और सौन्दर्य से संवारा है मूर्तिशिल्प विशेषज्ञ विजय ने।
इसी सिलसिले में नई दिल्ली से चलकर भागलपुर पहुंची प्रतिमा को तिरंगा झंडा फहराकर जद यू नेता शिशुपाल भारती, वरिष्ठ अधिवक्ता दिनेश कुमार सिंह, कपिलदेव कुमार, सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता आशीष कुमार , रंजन कुमार, सुधीर सिंह समेत अनेक गणमान्य लोगों ने प्रतिमा फूल माला चढ़ाकर घोरघट के लिया विदा किया।
मूर्ति के संदर्भ में जानकारी देते हुए मीडिया प्रभारी सोमनाथ आर्य ने बताया कि 14 अप्रैल को इस प्रतिमा को घोरघट में प्रतिस्थापित किया जाएगा। मूर्ति का अनावरण 12 मई बुद्ध पूर्णिमा के दिन किया जाएगा टीम से जुड़े लोग बिहार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और उद्घाटन को लेकर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री सह डीएमके अध्यक्ष एमके स्टालिन से भी संपर्क स्थापित किया है। उदघाटनकर्ता का नाम आधिकारिक सूचना आने के बाद मीडिया में जल्द ही सार्वजनिक की जाएगी।
25 फीट के पड़ेस्टैल पर लगेगी 12 फीट ऊंची रहेगी प्रतिमा
भारतरत्न बाबा साहब आंबेडकर की प्रतिमा को स्थापित करने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग से समानांतर 25 फीट ऊँचा पड़ेस्टैल बनाई जा रही है, जिसका निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। जिसपर 12 फीट ऊंची प्रतिमा लगेगी। आंबेडकर की यह प्रतिमा बिहार में सबसे ऊँची होगी। यह प्रतिमा एफ़आरपी और रेजिन से बनी हैं। जो मौसम प्रतिरोधी हैं, इसलिए बारिश, बर्फ और गर्मी से प्रभावित नहीं होगी, सबसे अच्छी बात यह पर्यावरण के अनुकूल है जिससे प्रकृति और पर्यावरण को कोई नुकसान भी नहीं पहुंचेगा।
प्रतिमा का दान सामाजिक कार्यकर्त्ता बासुकी पासवान और ज़मीन दान कैप्टन युगल किशोर ने किया।संविधान निर्माता बाबा साहब भीम राव आंबेडकर की बिहार की दूसरी मूर्ति 1982 में घोरघट में लगी थी, जिसका उद्घाटन बिहार सरकार के तत्कालीन मंत्री महावीर पासवान ने किया था , जो पुनपुन और मोहनिया से चार बार विधयक और बिहार सरकार में छह बार कैबिनेट मंत्री रह चुके थे।
एनएच् 80 के विस्तारीकरण के बाद बाबा साहेब आंबेडकर की प्रतिमा स्थल में बदलाव की बात सामने आई तो घोरघट गांव के लोगों ने अपनी विरासत को खुद से नए स्वरुप में सँभालने का जिम्मा लिया। तब प्रतिमा दान का निर्णय सामाजिक कार्यकर्त्ता बासुकी पासवान ने किया और 2 लाख 70 लाख रुपए की प्रतिमा खरीद का जिम्मा लिया वहीँ दूसरी ओर मूर्तिदान के लिए ज़मीनदान देने का बीड़ा भारतीय सेना से अवकाश प्राप्त कैप्टन युगल किशोर ने किया। वहीं प्रतिमा स्थल का निर्माण ग्रामीणों के सामूहिक चंदे से तैयार किया जा रहा है ।
