रांची ; रांची के होटवार स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा के अपर डिविजन सेल में आईएएस विनय कुमार चौबे व संयुक्त आयुक्त उत्पाद गजेंद्र सिंह को भी जगह मिल गई है।इसी सेल में रांची के पूर्व उपायुक्त छवि रंजन व पूर्व मंत्री आलमगीर आलम भी बंद हैं। जेल सूत्रों के अनुसार जेल जाने के बाद विनय कुमार चौबे उदास रहे। उन्होंने किसी से मुलाकात नहीं की। वे बीमार हैं। संभावना बन रही है कि जल्द ही डॉक्टरों का बोर्ड उनकी स्वास्थ्य जांच करेगा। यह भी संभव है कि वे इलाज के सिलसिले में रिम्स में भर्ती किए जाएं। इधर, गिरफ्तार आईएएस अधिकारी विनय कुमार चौबे व पूर्व आयुक्त उत्पाद गजेंद्र सिंह को राज्य सरकार बुधवार को निलंबित कर सकती है। दोनों ही अधिकारी जेल जा चुके हैं। न्यायिक हिरासत में भेजे जाने संबंधित सूचना से एसीबी ने राज्य सरकार को अवगत करा दिया है। एसीबी की सूचना पर निर्णय लेते हुए राज्य सरकार बुधवार को निलंबन संबंधित आदेश जारी कर सकती है। अलग राज्य बनने के बाद भ्रष्टाचार के मामले में अब तक चार आईएएस अधिकारी जेल जा चुके हैं। इन अधिकारियों में पूर्व स्वास्थ्य सचिव डॉ. प्रदीप कुमार, पूर्व खान सचिव पूजा सिंघल, रांची के पूर्व उपायुक्त छवि रंजन व अब पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव विनय कुमार चौबे शामिल हैं। यह पहली बार है जब प्रधान सचिव स्तर के अधिकारी विनय कुमार चौबे को एसीबी ने जेल भेजा है। इतना ही नहीं, यह भी पहली बार है, जब एसीबी ने सिर्फ प्रारंभिक जांच में मिले तथ्यों के आधार पर ही प्राथमिकी दर्ज कर विनय कुमार चौबे व गजेंद्र सिंह को जेल भेजा है।पूर्व स्वास्थ्य सचिव डॉ. प्रदीप कुमार को एसीबी ने 130 करोड़ के दवा घोटाले में जेल भेजा था। पूर्व खान सचिव पूजा सिंघल को ईडी ने मनरेगा घोटाला मामले में मनी लांड्रिंग के तहत जांच के दौरान जेल भेजा गया था। वर्तमान में पूजा सिंघल जमानत पर हैं और राज्य सरकार में आइटी सचिव हैं।रांची के पूर्व उपायुक्त छवि रंजन को भी ईडी ने मनी लांड्रिंग के तहत जांच के दौरान जेल भेजा था। छवि रंजन पर जमीन घोटाले का आरोप है।अब विनय कुमार चौबे को शराब घोटाला केस में एसीबी ने जेल भेजा है।
