रांची : झारखंड हाईकोर्ट ने वर्ष 2024 में आयोजित झारखंड स्टाफ सेलेक्शन कमीशन की कंबाइंड ग्रेजुएट लेवल (सीजीएल) परीक्षा के रिजल्ट प्रकाशन पर रोक बरकरार रखी है। कोर्ट ने गुरुवार को इस परीक्षा में गड़बड़ियों की सीबीआई जांच कराने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई की। राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि इस पूरे प्रकरण की जांच सीआईडी कर रही है। परीक्षा का पेपर उपलब्ध कराने के नाम पर कई अभ्यर्थियों से पैसा वसूलने वाले आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल कर दिया गया है। अब इस याचिका पर अगली सुनवाई 16 जुलाई को निर्धारित की गई है। राज्य में करीब दो हजार से अधिक पदों पर नियुक्ति के लिए जेएसएससी सीजीएल की परीक्षा 21-22 सितंबर, 2024 को राज्य भर के 823 परीक्षा केंद्रों पर आयोजित हुई थी। परीक्षा में 3,04,769 अभ्यर्थी शामिल हुए थे। जेएसएससी ने इस परीक्षा के आधार पर 5 दिसंबर, 2024 को 2,145 अभ्यर्थियों को शॉर्टलिस्ट किया था। इसी बीच परीक्षा में पेपर लीक के आरोपों की सीबीआई जांच की मांग को लेकर राजेश कुमार एवं अन्य ने झारखंड हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। इस पर सुनवाई करते हुए झारखंड हाईकोर्ट ने 17 दिसंबर, 2024 को परिणाम प्रकाशित करने पर अगले आदेश तक रोक लगा दी थी। कोर्ट ने राज्य सरकार को पेपर लीक की शिकायत पर परीक्षा संचालन अधिनियम 2023 के तहत एफआईआर दर्ज करने और अनुसंधान कर इसकी रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया था। इसके बाद झारखंड का अपराध अनुसंधान विभाग एफआईआर दर्ज कर जांच कर रहा है। जनहित याचिका पर अदालत में हुई सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन, अधिवक्ता पीयूष चित्रेश, जेएसएससी की ओर से अधिवक्ता संजॉय पिपरवाल और प्रार्थियों की ओर से वरीय अधिवक्ता अजीत कुमार ने बहस की। दूसरी ओर झारखंड डिप्लोमा स्तरीय संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा के पेपर लीक करने के मामले में आरोपित कंपनी विंसेस टेक्नोलॉजी को ब्लैक लिस्ट करने के झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) के आदेश को खारिज कर दिया है। गुरुवार को अदालत ने फैसला सुनाते हुए जेएसएससी के ब्लैक लिस्ट करने के आदेश को खारिज करते हुए जेएसएससी पर दो लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। अदालत ने कंपनी की बैंक गारंटी 41 लाख और 2.90 करोड़ के बिल को सात प्रतिशत ब्याज के साथ चार सप्ताह में देने का निर्देश दिया है।
