चाईबासा 1837 में सेरेंगसिया घाटी में अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ हुए कोल विद्रोह के नायक रहे शहीद पोटो हो की वंशज रश्मि पुरती इंटरमीडिएट में एडमिशन के लिए भटक रही है। ज्ञात हो कि हाल ही में नई शिक्षा नीति के तहत डिग्री कॉलेजों में इंटरमीडिएट की पढ़ाई बंद कर दी गई है। इसके बाद विद्यार्थियों के समक्ष पढ़ाई की गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई है। जगन्नाथपुर प्रखंड के राजाबासा गांव निवासी शहीद पोटो हो की वंशज रश्मि पुरती, जिसने इसी वर्ष मैट्रिक उत्तीर्ण की थी, वह भी इस समस्या से जूझ रही है। एसएस प्लस टू हाईस्कूल जैंतगढ़ से उसने मैट्रिक परीक्षा सेकेंड डिवीजन से पास की है। वह जैंतगढ़ से बाहर चाईबासा में महिला कॉलेज में इंटरमीडिएट पढ़कर करियर बनाना चाहती है लेकिन एन वक्त पर इंटरमीडिएट की पढ़ाई सभी डिग्री कॉलेजों में बंद हो जाने से अब उसकी आगे की पढ़ाई खटाई में पड़ गई है। अन्य प्लस टू विद्यालयों में भी सीटें भर चुकी हैं। रश्मि पुरती के चाचा जयपाल पुरती ने कोल्हान भूमि बचाओ समिति के अध्यक्ष विनोद कुमार सावैयां को फोन करके रश्मि पुरती के नामांकन में मदद की गुहार लगायी है। जयपाल ने कहा कि मेरी भतीजी ने किसी तरह गरीबी में पढ़कर सेकेंड डिवीजन से मैट्रिक पास की है और अब इंटरमीडिएट में एडमिशन चाहती हैं, लेकिन जैंतगढ़ में इसकी सुविधा नहीं है। बाहर ही जाना होगा इसके लिये लेकिन घर की आर्थिक स्थिति बेहद दयनीय है। रश्मि पुरती ने बताया कि जैंतगढ़ से बाहर जाकर छात्रावास या किराये के मकान में रहकर पढ़ने की आर्थिक सामर्थ्य उसके परिवार के पास नहीं है। उनके पिता राजेंद्र पुरती खेतिहर मजदूर हैं, जबकि माता रोयबारी पुरती गृहणी हैं। ऐसे में उसको जिला प्रशासन से मदद की उम्मीद है।
