रांची: स्वच्छता सर्वेक्षण 2025 में झारखंड के कमजोर प्रदर्शन और राजधानी रांची की गिरती रैंकिंग को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने राज्य सरकार पर तीखा प्रहार किया है। बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता अजय साह ने सरकार पर शहरी प्रशासन में गंभीर लापरवाही और संवैधानिक प्रावधानों की अनदेखी का आरोप लगाया। बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता अजय साह ने कहा कि हेमंत सरकार की प्राथमिकता मंत्रियों के बंगले चमकाना है, जबकि राजधानी की गलियाँ कचरे में डूबी हुई हैं। “74वां संविधान संशोधन जो शहरी निकायों में लोकतांत्रिक शासन सुनिश्चित करता है, वह झारखंड में मज़ाक बनकर रह गया है,” उन्होंने कहा। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि राज्य में पिछले पाँच वर्षों से नगर निकाय चुनाव नहीं कराए गए हैं, जिसके चलते पूरे शहरी प्रशासन की बागडोर नौकरशाहों के हाथ में है। “जब व्यवस्था में जनप्रतिनिधियों की जवाबदेही नहीं होती, तो भ्रष्टाचार को खुली छूट मिलती है,” साह ने कहा। “भ्रष्टाचार मिशन” बन गई है सरकार की नीति प्रदेश प्रवक्ता ने तंज कसते हुए कहा कि केंद्र की मोदी सरकार जहाँ ‘स्वच्छ भारत मिशन’ को जन-आंदोलन बना चुकी है, वहीं झारखंड सरकार ‘भ्रष्टाचार मिशन’ को अपनी नीति बना चुकी है। उन्होंने नगर निकायों में अधिकारियों की मिलीभगत और लूट-खसोट का भी आरोप लगाया। हाईकोर्ट के आदेश भी हो रहे हैं अनदेखे भाजपा ने यह सवाल उठाया कि हाईकोर्ट के निर्देशों और बार-बार की चेतावनियों के बावजूद नगर निकाय चुनाव अब तक क्यों नहीं कराए गए। “जब बाकी राज्यों में समय पर चुनाव संभव हैं, तो झारखंड में अड़चन क्या है?” उन्होंने पूछा। बीजेपी ने स्पष्ट रूप से राज्य सरकार से माँग की है कि वह तत्काल नगर निकाय चुनावों की घोषणा करे और लोकतांत्रिक शासन बहाल कर स्वच्छता और पारदर्शिता के पथ पर वापस लौटे। विशेषज्ञ मानते हैं कि स्वच्छता रैंकिंग में गिरावट और स्थानीय निकायों में चुनाव न होना हेमंत सरकार के लिए एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन सकता है, जिसे भाजपा आगामी चुनावों में भुनाने की तैयारी में है।
