रांची : झारखंड की राजनीति के पुरोधा और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के संस्थापक दिशोम गुरु शिबू सोरेन का सोमवार को दिल्ली स्थित सर गंगाराम अस्पताल में निधन हो गया। वे 80 वर्ष के थे और लंबे समय से बीमार चल रहे थे। डॉ. एके भल्ला, चेयरमैन, नेफ्रोलॉजी विभाग, सर गंगाराम अस्पताल के अनुसार, शिबू सोरेन को किडनी संक्रमण, ब्रोंकाइटिस और ब्रेन स्ट्रोक जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं थीं। उनकी उम्र अधिक होने और पूर्व में बाईपास सर्जरी हो चुकी होने के कारण रिकवरी मुश्किल होती जा रही थी। वे डायबिटीज और फेफड़े की बीमारी से भी पीड़ित थे। शरीर के बाएं हिस्से में ब्रेन स्ट्रोक के कारण उन्हें पैरालाइसिस हो गया था, जिसके बाद से वे आईसीयू में वेंटिलेटर सपोर्ट पर थे। उनकी गंभीर हालत की जानकारी मिलने के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, बहू कल्पना सोरेन और छोटे बेटे बसंत सोरेन भी दिल्ली पहुंचे थे। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, राज्यपाल संतोष गंगवार सहित कई नेता अस्पताल जाकर उनका हालचाल ले चुके थे। झारखंड आंदोलन के अगुवा शिबू सोरेन ने झारखंड को अलग राज्य का दर्जा दिलाने में ऐतिहासिक भूमिका निभाई। उन्होंने झारखंड मुक्ति मोर्चा की स्थापना की और तीन बार राज्य के मुख्यमंत्री बने। वे सात बार लोकसभा सांसद और 2004 में मनमोहन सिंह सरकार में कोयला मंत्री भी रहे। वर्तमान में वे पार्टी के संरक्षक की भूमिका निभा रहे थे। उनके निधन से झारखंड ही नहीं, संपूर्ण देश की राजनीति को एक गहरी क्षति पहुंची है। वे आदिवासी अधिकारों और सामाजिक न्याय के मजबूत स्तंभ थे।
