सहरसा: ब्रज किशोर ज्योतिष संस्थान के संस्थापक ज्योतिषाचार्य पंडित तरुण झा ने बताया है कि वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया का पर्व मनाया जाएगा, जो इस वर्ष 30 अप्रैल को है। उन्होंने जानकारी दी कि तृतीया तिथि 29 अप्रैल को संध्या 08:18 बजे से शुरू होकर 30 अप्रैल को शाम 06:05 बजे समाप्त होगी। पंडित झा ने बताया कि इस दिन मांगलिक कार्य करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
मिथिला विश्वविद्यालय पंचांग के अनुसार, इस बार अक्षय तृतीया पूरे दिन यानी 30 अप्रैल, बुधवार को मनाई जाएगी। विशेष शुभ मुहूर्त सुबह 06:15 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक रहेगा।
पंडित तरुण झा ने इस दिन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि अक्षय तृतीया को मां लक्ष्मी की पूजा और उनकी चरण पादुका की पूजा का विशेष विधान है। उन्होंने कहा कि देवी लक्ष्मी का वास केवल धन में ही नहीं, बल्कि धान्य यानी अन्न में भी होता है, इसलिए इस दिन अन्न का दान अवश्य करना चाहिए। इसके अतिरिक्त, अक्षय तृतीया के दिन भगवान विष्णु के अवतार परशुराम जी का जन्मोत्सव भी मनाया जाता है।
दान के महत्व को बताते हुए पंडित झा ने कहा कि इस दिन दान का सर्वाधिक महत्व है। यदि संभव हो तो जरूरतमंदों को पानी से भरी सुराही, अन्न, फल, मिठाई, वस्त्र और अपनी क्षमतानुसार अन्य वस्तुओं का दान करना शुभ माना जाता है। उन्होंने ‘अक्षय’ का अर्थ बताते हुए कहा कि इसका अर्थ है जो कभी क्षय न हो। शास्त्रों के अनुसार मान्यता है कि इस दिन किया गया दान कभी व्यर्थ नहीं जाता है।
