नई दिल्ली : लोकसभा में आज उस समय माहौल गरमा गया जब कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने बीजेपी और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाया। यह घटना पेट्रोलियम (दीपक शाक्य) निरसन विधेयक, 2024 पर चर्चा के दौरान हुई, जिसका एक स्क्रीनशॉट कांग्रेस के आधिकारिक एक्स हैंडल (@INCIndia) पर साझा किया गया।
वेणुगोपाल ने सदन में कहा, “केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर द्वारा देश के शीर्ष नेताओं में से एक, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे जी के खिलाफ की गई टिप्पणियां अस्वीकार्य हैं। खड़गे जी ने जमीनी स्तर से अपनी यात्रा शुरू की, अनेक कठिनाइयों का सामना किया और सार्वजनिक जीवन में व्यापक अनुभव हासिल किया। उनके बारे में भ्रामक आंकड़े पेश करना और उनकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाना स्वीकार्य नहीं है। बीजेपी और आरएसएस बार-बार संकीर्ण राजनीतिक लाभ के लिए खड़गे जी पर हमला करते हैं।”
बीजेपी और आरएसएस पर अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने का आरोप
वेणुगोपाल ने बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर देश को धर्म के नाम पर बांटने का गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “बीजेपी और आरएसएस हमारी भारत माता को धर्म के नाम पर बांटना चाहते हैं। आज वे मुसलमानों को निशाना बना रहे हैं, कल किसी अन्य अल्पसंख्यक समुदाय को निशाना बनाएंगे। सरकार का असली मकसद संघ परिवार (आरएसएस) के एजेंडे को लागू करना है, जिसके तहत हर अल्पसंख्यक समुदाय को नष्ट करने की साजिश रची जा रही है। वे राजनीतिक लाभ के लिए देश को बांटने की कोशिश कर रहे हैं।”
संघ परिवार की विचारधारा पर सवाल
कांग्रेस ने बीजेपी और संघ परिवार की विचारधारा पर भी सवाल उठाए। वेणुगोपाल के बयान में संघ परिवार के हिंदुत्व के एजेंडे को लागू करने की बात कही गई, जो विपक्षी दलों द्वारा लंबे समय से उठाया जा रहा मुद्दा है। एक हालिया विकिपीडिया प्रविष्टि के अनुसार, बीजेपी के आलोचक दावा करते हैं कि पार्टी का उदार चेहरा केवल संघ परिवार के “छिपे हुए हिंदुत्व एजेंडे” को ढकने का काम करता है, जो इतिहास की किताबों और शिक्षा पाठ्यक्रम में बदलाव जैसे कदमों से स्पष्ट होता है।
इस मामले पर बीजेपी की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।
