पाकुड़: बुधवार को अक्षय तृतीया के अवसर पर पाकुड़ जिले में बाल विवाह जैसी सामाजिक बुराई के खिलाफ एक व्यापक जागरूकता अभियान चलाया गया। जिला बाल संरक्षण इकाई और शिक्षा विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम के तहत जिले के सभी कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों और अन्य हाई स्कूलों में किशोर-किशोरियों को बाल विवाह की रोकथाम के बारे में जानकारी दी गई।
जिला बाल संरक्षण इकाई के अधिकारियों ने विद्यार्थियों को बाल विवाह से जुड़े कानूनों, इसके कारणों और दुष्प्रभावों से अवगत कराया। उन्होंने बाल विवाह करने पर होने वाली सजा के प्रावधानों और जिला स्तर पर बाल विवाह निषेध अधिकारी की भूमिका के बारे में भी विस्तार से बताया। इस दौरान किशोर-किशोरियों से अपील की गई कि यदि उन्हें अपने आसपास कहीं भी बाल विवाह की सूचना मिले, तो वे तुरंत बाल विवाह निषेध अधिकारी, स्थानीय पुलिस या चाइल्ड हेल्पलाइन के टोल-फ्री नंबर 1098 पर इसकी जानकारी दें, ताकि इस कुप्रथा को रोका जा सके और जिले को बाल विवाह मुक्त बनाने में सफलता मिले। इस जागरूकता कार्यक्रम में जिले के विभिन्न विद्यालयों के 2510 किशोर-किशोरियों और उनके शिक्षकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
इसके अतिरिक्त, गैर-सरकारी संगठन ‘एक्सेस टू जस्टिस फॉर चिल्ड्रन’ ने पाकुड़ सदर और अन्य प्रखंडों के मंदिरों, धार्मिक स्थलों और विवाह भवनों में जाकर वहां के प्रमुखों से मुलाकात की और उन्हें संभावित बाल विवाहों के बारे में जानकारी दी। संगठन ने उनसे इस कुप्रथा को रोकने में सक्रिय योगदान देने का आग्रह किया।
इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम को सफल बनाने में जिला बाल संरक्षण इकाई, जिला शिक्षा विभाग, पिरामल फाउंडेशन, बचपन बचाओ आंदोलन, चाइल्ड हेल्पलाइन और अन्य गैर-सरकारी संगठनों जैसे एक्सेस टू जस्टिस फॉर चिल्ड्रेन, जनलोक कल्याण परिषद, झारखंड विकास परिषद और टैगोर सोसाइटी फॉर रूरल डेवलपमेंट ने सक्रिय भूमिका निभाई। इस सामूहिक प्रयास का उद्देश्य पाकुड़ जिले को बाल विवाह की कुरीति से मुक्त करना है।
