पटना: जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार में महिला सशक्तिकरण को लेकर किए गए कार्यों को देश के लिए रोल मॉडल बताया है। पार्टी प्रवक्ताओं अंजुम आरा, अनुप्रिया और पूजा पैट्रिक ने प्रेस वार्ता में कहा कि बिहार महिलाओं को सशक्त बनाने में अग्रणी भूमिका निभा रहा है, न कि किसी का अनुसरण कर रहा है।
प्रमुख बिंदु:
- साक्षरता दर में वृद्धि: 2001 में महिला साक्षरता दर 33.57% थी, जो 2021 में बढ़कर 61.8% हो गई। यह 84% की वृद्धि है।
- श्रम शक्ति भागीदारी: महिला श्रम शक्ति भागीदारी 2005 में 9.8% थी, जो 2021 में बढ़कर 16.2% हो गई। यह 65% की वृद्धि है।
- महिला अपराध दर में कमी: बिहार में महिला अपराध दर 2005 में 14वें स्थान पर था, जो 2021 में 23वें स्थान पर आ गया है।
- बाल विवाह में कमी: बाल विवाह की दर 2005 में 60.3% थी, जो 2021 में घटकर 40% हो गई।
- मातृ मृत्यु दर में कमी: मातृ मृत्यु दर 2004-06 में 312 थी, जो 2018-20 में घटकर 118 हो गई।
- शिशु मृत्यु दर में कमी: शिशु मृत्यु दर 2005 में 61 थी, जो 2021 में घटकर 29 हो गई।
तेजस्वी यादव पर निशाना:
जदयू प्रवक्ताओं ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव द्वारा महिला संवाद यात्रा पर उठाए गए सवालों को खारिज करते हुए कहा कि राजद का महिला सशक्तिकरण में कोई योगदान नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि राजद ने सत्ता में रहते हुए जनता के पैसे का दुरुपयोग किया।
नीतीश सरकार की उपलब्धियां:
जदयू ने नीतीश सरकार द्वारा चलाई गई योजनाओं जैसे साइकिल योजना, बालिका प्रोत्साहन योजना और महिला शिक्षा मिशन को महिला सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि सरकार महिलाओं के कल्याण और जागरूकता के लिए काम कर रही है।
