पटना : पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार द्वारा जातिगत जनगणना को आधिकारिक जनगणना प्रक्रिया में शामिल करने के निर्णय को एक ऐतिहासिक और सामाजिक न्यायपूर्ण कदम बताया है। उन्होंने कहा कि यह निर्णय सामाजिक परिवर्तन की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
श्री चौबे ने कहा कि यह कदम उन वर्गों को न्याय और सम्मान दिलाने का माध्यम बनेगा जो अब तक आर्थिक, सामाजिक और शैक्षणिक रूप से उपेक्षित रहे हैं। इससे वंचित तबकों की पहचान सुनिश्चित होगी और उन्हें मुख्यधारा से जोड़ने का मार्ग प्रशस्त होगा।
उन्होंने कांग्रेस पार्टी और पूर्ववर्ती सरकारों की आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने जातिगत जनगणना को लगातार टालकर सामाजिक न्याय की भावना की उपेक्षा की। इसके विपरीत, मोदी सरकार ने यह साहसिक और दूरदर्शी निर्णय लेकर सभी वर्गों को समान अवसर देने की दिशा में एक नया आयाम प्रस्तुत किया है।
श्री चौबे ने कहा कि यह निर्णय सामाजिक समरसता, समानता और समावेशिता को सशक्त करेगा, साथ ही राष्ट्रीय विकास में सभी वर्गों की सक्रिय भागीदारी को सुनिश्चित करेगा।
उन्होंने इस ऐतिहासिक निर्णय के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार प्रकट करते हुए कहा कि यह कदम निश्चित ही देश की सामाजिक संरचना को और अधिक न्यायपूर्ण एवं संतुलित बनाने में मील का पत्थर साबित होगा।
