देवघर — झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने आज देवघर के सदर अस्पताल का औचक निरीक्षण कर स्वास्थ्य सेवाओं की वास्तविक स्थिति का आकलन किया। बिना किसी पूर्व सूचना के हुए इस निरीक्षण से अस्पताल प्रशासन में हलचल मच गई। मंत्री ने इलाजरत मरीजों से सीधे संवाद स्थापित कर अस्पताल में उपलब्ध सुविधाओं और स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति के बारे में जानकारी ली। उन्होंने मरीजों के साथ आए परिजनों से भी अस्पताल की साफ-सफाई, दवा की उपलब्धता, डॉक्टरों की उपस्थिति और अन्य व्यवस्थाओं पर फीडबैक प्राप्त किया।
निरीक्षण के दौरान मंत्री ने अस्पताल की विभिन्न इकाइयों का भ्रमण किया, जिसमें इमरजेंसी वार्ड, महिला वार्ड, ओपीडी, दवा वितरण कक्ष और पैथोलॉजी लैब शामिल थे। उन्होंने वहां की साफ-सफाई व्यवस्था, आवश्यक दवाओं की उपलब्धता और उपकरणों की स्थिति की विस्तार से समीक्षा की। मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार का उद्देश्य है कि हर सदर अस्पताल को पूर्ण रूप से सुविधायुक्त बनाया जाए ताकि राज्य के प्रत्येक नागरिक को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हो सकें।
मरीजों ने उजागर कीं कमियाँ, तुरंत दिए गए निर्देश
निरीक्षण के दौरान कुछ मरीजों और उनके परिजनों ने अस्पताल में व्याप्त कुछ कमियों को मंत्री के समक्ष रखा। इनमें समय पर डॉक्टर की उपलब्धता, कुछ आवश्यक दवाओं की कमी और सफाई व्यवस्था में सुधार की मांग प्रमुख रूप से सामने आई। स्वास्थ्य मंत्री ने इन शिकायतों को गंभीरता से लिया और तत्काल सिविल सर्जन को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए। उन्होंने कहा कि किसी भी हाल में स्वास्थ्य सेवाओं में कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और सुधारात्मक कार्रवाई अविलंब की जाएगी।
स्वास्थ्य योजनाओं की प्रगति का मूल्यांकन
डॉ. अंसारी ने इस दौरान राज्य सरकार द्वारा संचालित विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं की जमीनी स्थिति का भी मूल्यांकन किया। उन्होंने आयुष्मान भारत योजना, मातृ वंदना योजना और मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना के अंतर्गत मिलने वाली सुविधाओं की जानकारी मरीजों से सीधे लेकर अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। मंत्री ने कहा कि योजनाएं तभी सार्थक होती हैं जब उनका लाभ ज़रूरतमंदों तक सही समय पर पहुँचे।
स्वास्थ्य मंत्री का संकल्प: ‘जनता को मिले गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं‘
निरीक्षण के पश्चात पत्रकारों से बातचीत में डॉ. इरफान अंसारी ने कहा, “राज्य सरकार निरंतर इस दिशा में कार्य कर रही है कि हर जिला अस्पताल को आधुनिक और सर्व-सुविधायुक्त बनाया जाए। हमारा उद्देश्य सिर्फ इमारतें खड़ी करना नहीं, बल्कि ऐसी व्यवस्था खड़ी करना है जो मरीजों को समय पर, सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं दे सके।”
उन्होंने आगे कहा, “स्वास्थ्य सेवा एक बुनियादी अधिकार है और सरकार इसे लेकर पूरी तरह से संवेदनशील है। हमने स्वास्थ्य ढांचे में सुधार हेतु बजट में विशेष प्रावधान किए हैं, डॉक्टरों की भर्ती की प्रक्रिया तेज की गई है और अस्पतालों में आधुनिक उपकरणों की आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है।”
स्थानीय जनता की सराहना
स्वास्थ्य मंत्री के निरीक्षण को लेकर अस्पताल में इलाजरत मरीजों और उनके परिजनों ने खुशी जाहिर की। लोगों का कहना था कि मंत्री के अचानक आने से कई समस्याओं को उजागर करने का अवसर मिला। उन्हें उम्मीद है कि अब अस्पताल की स्थिति में सुधार होगा और जो शिकायतें उन्होंने सामने रखीं, उन पर जल्द कार्रवाई की जाएगी।
आगे की कार्यवाही
स्वास्थ्य मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि एक सप्ताह के भीतर अस्पताल में बताई गई कमियों को दूर किया जाए और इसकी रिपोर्ट सीधे मंत्रालय को सौंपी जाए। साथ ही उन्होंने नियमित निरीक्षण की प्रक्रिया को तेज करने और मरीजों से फीडबैक लेने की प्रणाली को अधिक प्रभावी बनाने का सुझाव दिया।
स्वास्थ्य मंत्री का यह औचक दौरा न सिर्फ प्रशासनिक तौर पर सख्ती का संकेत था, बल्कि यह भी दर्शाता है कि सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर गंभीर है। उनके इस दौरे से यह उम्मीद जगी है कि देवघर समेत राज्य के अन्य जिलों के अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में जल्द ही उल्लेखनीय सुधार देखने को मिलेगा।
राज्य सरकार की यह पहल अगर उसी गंभीरता और निरंतरता से आगे बढ़ती रही, तो आने वाले समय में झारखंड की स्वास्थ्य व्यवस्था देशभर के लिए एक मिसाल बन सकती है।
