पाकुड़: केंद्र और झारखंड सरकार के संयुक्त प्रयास से चलाए जा रहे “टीबी हारेगा देश जीतेगा” अभियान के तहत पाकुड़ में टीबी उन्मूलन के प्रयासों को और तेज किया जा रहा है। इसी क्रम में सदर अस्पताल सभागार में प्रोजेक्ट जागृति के तत्वावधान में टीबी संबंधित एक महत्वपूर्ण कार्यशाला सह टीबी चैंपियनों का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में टीबी के प्रमुख लक्षणों जैसे दो हफ्ते से अधिक खांसी, खांसी में खून आना, छाती में दर्द और सांस फूलना आदि के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित उपायुक्त मनीष कुमार ने कहा कि सरकार 2025 तक पूरे भारत से टीबी रोग को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए पूरे जिले में सक्रिय खोज अभियान (एसीएफ कैंपिंग) चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत स्वास्थ्यकर्मी (सहिया) मधुमेह रोगियों, कमजोर और कुपोषित व्यक्तियों, 60 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गों, धूम्रपान और शराब का सेवन करने वालों, पिछले 3 वर्षों में टीबी रोगियों के संपर्क में रहे लोगों और पिछले 5 वर्षों में टीबी से पीड़ित रहे मरीजों की पहचान करेंगे। पहचान किए गए व्यक्तियों को नजदीकी बलगम जांच केंद्र में जांच कराने और संक्रमित पाए जाने पर इलाज कराने के लिए प्रेरित किया जाएगा। उपायुक्त ने यह भी बताया कि सरकार टीबी का इलाज कराने वाले मरीजों को हर महीने ₹1000 और इलाज पूरा होने पर एक बार ₹750 की सहायता राशि सीधे उनके बैंक खाते में प्रदान करती है।
पुलिस अधीक्षक प्रभात कुमार ने इस अवसर पर टीबी रोगियों के प्रति अपनी संवेदनशीलता व्यक्त करते हुए कहा कि पुलिस प्रशासन भी टीबी रोगियों को गोद लेगा और उन्हें हर संभव सहयोग प्रदान करेगा।
कार्यक्रम में सिविल सर्जन डॉ मंटू कुमार टेकरीवाल, उपाधीक्षक सदर अस्पताल डॉ मनीष कुमार, जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ के.के.सिंह, डीएमओ डॉ अमित कुमार, डॉ शाहरुख और टीबी विभाग के अन्य कर्मचारी भी उपस्थित थे। सभी ने टीबी उन्मूलन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए मिलकर काम करने का संकल्प लिया।
