रामेश्वरम : भारत के पहले वर्टिकल लिफ्ट रेल पुल, नए पंबन पुल, का उद्घाटन 6 अप्रैल 2025 को राम नवमी के शुभ अवसर पर होने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तमिलनाडु के रामेश्वरम में इस ऐतिहासिक पुल का उद्घाटन करेंगे। यह 2.07 किलोमीटर लंबा पुल रामेश्वरम द्वीप को मुख्यभूमि भारत से जोड़ेगा और रेल यात्रा को पहले से कहीं अधिक तेज और सुरक्षित बनाएगा।
नए पंबन पुल के बनने से ट्रेनें मुख्यभूमि और रामेश्वरम द्वीप के बीच समुद्र को पांच मिनट से भी कम समय में पार कर सकेंगी। पुराने पंबन पुल पर यह दूरी तय करने में ट्रेनों को 25 से 30 मिनट का समय लगता था। अधिकारियों के अनुसार, यह पुल एशिया का पहला वर्टिकल लिफ्ट रेल पुल है, जिसमें 72 मीटर का लिफ्ट स्पैन है, जो 22 मीटर तक ऊंचे जहाजों को गुजरने की अनुमति देता है। इसकी डिजाइन जर्मनी और स्पेन के वर्टिकल लिफ्ट रेल पुलों से प्रेरित है।
नए पंबन पुल का निर्माण रेल विकास निगम लिमिटेड (RVNL) द्वारा किया गया है। इसकी नींव नवंबर 2019 में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा रखी गई थी, और फरवरी 2020 में इसका निर्माण शुरू हुआ। सितंबर 2024 तक सिंगल-ट्रैक खंभों और स्पैन का काम पूरा हो गया था, और अक्टूबर 2024 में इसका ट्रायल रन सफलतापूर्वक किया गया। इस परियोजना की कुल लागत ₹500 करोड़ (लगभग 5 बिलियन रुपये) रही है।
रामेश्वरम के लिए महत्व
रामेश्वरम, जहां पवित्र रामनाथस्वामी मंदिर स्थित है, हिंदुओं के लिए एक प्रमुख तीर्थ स्थल है। पुराने पंबन पुल, जो 1914 में शुरू हुआ था, ने अपनी लंबी सेवा के बाद दिसंबर 2022 में जंग और सुरक्षा चिंताओं के कारण बंद कर दिया गया था। इसके बंद होने से रामेश्वरम के लिए सीधी रेल संपर्क प्रभावित हुआ था, जिससे यात्रियों, विशेष रूप से तीर्थयात्रियों, को काफी असुविधा हुई। नए पुल के चालू होने से रामेश्वरम-तिरुपति साप्ताहिक एक्सप्रेस और रामेश्वरम-कन्याकुमारी त्रि-साप्ताहिक एक्सप्रेस जैसी ट्रेन सेवाएं फिर से शुरू होंगी, जिससे तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को लाभ होगा।
