पटना/पूर्णियां । बिहार की नवाचारी शैक्षणिक पहल ‘टीचर्स ऑफ बिहार’ ने अपनी छह वर्षों की उल्लेखनीय यात्रा को पटना स्थित ए.एन. सिन्हा इंस्टिट्यूट के सभागार में वार्षिकोत्सव समारोह के रूप में भव्यता के साथ मनाया। इस अवसर पर राज्य भर से चयनित प्रेरणादायक शिक्षकों को राज्यस्तरीय नवाचार सम्मान से सम्मानित किया गया।
पूर्णियां जिले के बायसी प्रखंड स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय, सुरीगांव की विशिष्ट शिक्षिका मनु कुमारी को उनके शिक्षण कार्य में निरंतर नवाचार और रचनात्मक योगदान के लिए मंच पर मोमेंटो और प्रमाण-पत्र देकर विशिष्ट रूप से सम्मानित किया गया। सम्मान प्राप्त करते हुए उन्होंने कहा, “यह सम्मान मेरे विद्यालय के बच्चों को समर्पित है। टीचर्स ऑफ बिहार का आभार, जिन्होंने हमें यह मंच दिया।”
शिक्षा सचिव और शीर्ष अधिकारियों ने की सराहना
कार्यक्रम का उद्घाटन अपर मुख्य सचिव, शिक्षा विभाग डॉ. एस. सिद्धार्थ, एससीईआरटी निदेशक सज्जन आर., और टीचर्स ऑफ बिहार के संस्थापक शिव कुमार ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया।
शिक्षा सचिव अजय कुमार यादव ने अपने संबोधन में कहा , “सीमित संसाधनों में भी नवाचार करने वाले शिक्षक ही असल परिवर्तन के वाहक हैं। ये शिक्षक बिहार की शैक्षिक क्रांति का चेहरा हैं।”
डॉ. एस. सिद्धार्थ ने कहा, “टीचर्स ऑफ बिहार ने ग्रामीण शिक्षा में नवप्रवर्तन की जो मिसाल कायम की है, वह अद्वितीय है। यह समूह अब एक आंदोलन का रूप ले चुका है।”
नवाचारों का लोकार्पण, तकनीक आधारित शिक्षण को मिलेगा बल
समारोह में ‘शिक्षक साथी’ और ‘पीएम पोषण योजना कैलकुलेटर’ जैसे डिजिटल नवाचारों का लोकार्पण भी किया गया। ये उपकरण शिक्षकों को अधिक प्रभावशाली, पारदर्शी और तकनीक-सहायक शिक्षण में मदद करेंगे।
संस्थापक शिव कुमार ने कहा , “हमारा लक्ष्य शिक्षकों को केवल पढ़ाने वाला नहीं, बल्कि बदलाव लाने वाला नेतृत्वकर्ता बनाना है। अररिया, पूर्णियां और सीमांचल के शिक्षकों ने यह करके दिखाया है।”
इन्हें भी मिला सम्मान
कार्यक्रम में पूर्णियां जिले से अन्य दो नवाचारी शिक्षिकाओं — ज्योति नवीन, प्राथमिक विद्यालय, कसबा
रीना कुमारी, प्राथमिक विद्यालय, सिमलवारी को भी शिक्षा में नवाचारी प्रयोगों के लिए राज्यस्तरीय सम्मान प्रदान किया गया। यह सम्मान सिर्फ शिक्षकों का नहीं, बल्कि शिक्षा के क्षेत्र में बदलाव की दिशा में किए गए एक सामूहिक प्रयास का प्रतीक है।
