नई दिल्ली। भारतीय रेलवे के विस्तार और आधुनिकीकरण की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए केंद्रीय कैबिनेट ने शुक्रवार को चार मल्टीट्रैकिंग परियोजनाओं को मंजूरी दे दी। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक प्रेस ब्रीफिंग में इसकी जानकारी दी। इन परियोजनाओं पर कुल 18,658 करोड़ रुपये का खर्च अनुमानित है और ये महाराष्ट्र, ओडिशा और छत्तीसगढ़ के 15 जिलों को कवर करेंगी।
इन योजनाओं के तहत रेलवे के मौजूदा नेटवर्क में कुल 1,247 किलोमीटर की बढ़ोतरी होगी। जिन परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है, वे इस प्रकार हैं—
- संबलपुर-जरापदा सेक्शन में तीसरी और चौथी लाइन,
- झारसुगुड़ा-सासोन सेक्शन में तीसरी और चौथी लाइन,
- खरसिया-नया रायपुर-परमालकसा सेक्शन में पांचवीं और छठी लाइन,
- गोंदिया से बल्लारशाह तक रेलवे लाइन का दोहरीकरण।
रेल मंत्री ने बताया कि इन परियोजनाओं से यात्री और मालगाड़ी सेवाओं की गति एवं क्षमता में बढ़ोतरी होगी। इससे न केवल यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी, बल्कि देश की लॉजिस्टिक्स लागत में भी उल्लेखनीय कमी आएगी। इसके साथ ही, तेल आयात पर निर्भरता में भी गिरावट आएगी।
पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी यह कदम महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इन परियोजनाओं से लगभग 477 करोड़ किलोग्राम कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में कमी आने का अनुमान है। साथ ही, करीब 379 लाख मानव-दिवस का रोजगार सृजित होगा, जिससे स्थानीय स्तर पर आर्थिक गतिविधियों को बल मिलेगा।
यह निर्णय भारतीय रेलवे को 2030 तक नेट जीरो कार्बन उत्सर्जक बनाने के लक्ष्य की दिशा में एक अहम पहल माना जा रहा है। रेल मंत्री वैष्णव ने कहा कि सरकार रेलवे के सतत विकास और आधुनिकीकरण के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है, ताकि यह देश की आर्थिक प्रगति में एक सशक्त इंजन की भूमिका निभा सके।
