नोएडा : नोएडा के सेक्टर 105 में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक बड़े पोर्नोग्राफी रैकेट का भंडाफोड़ किया है, जिसमें एक दंपति ने 400 से अधिक लड़कियों को शोषण का शिकार बनाया। इस रैकेट के तार अंतरराष्ट्रीय स्तर तक जुड़े हैं, और इसमें साइप्रस की एक कंपनी से करोड़ों रुपये की अवैध फंडिंग का पता चला है। मुख्य आरोपी उज्जवल किशोर और उनकी पत्नी नीलू श्रीवास्तव पर यह गैरकानूनी धंधा अपने घर से संचालित करने का आरोप है।
छापेमारी में सामने आया वेबकैम स्टूडियो
ईडी की छापेमारी के दौरान सेक्टर 105 में एक प्रोफेशनल वेबकैम स्टूडियो बरामद हुआ, जहाँ से XHamster और Stripchat जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर लाइव अश्लील सामग्री स्ट्रीम की जाती थी। जांच में खुलासा हुआ कि यह रैकेट पिछले पांच साल से चल रहा था। दंपति ने फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के जरिए आकर्षक सैलरी का लालच देकर मॉडल्स को भर्ती किया और फिर उनका शोषण किया। छापेमारी में कई मॉडल्स मौके पर मिले, जिनके बयान दर्ज किए गए हैं।
अंतरराष्ट्रीय फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग
ईडी ने पाया कि साइप्रस की कंपनी टेक्नियस लिमिटेड से 15.66 करोड़ रुपये की विदेशी फंडिंग इस रैकेट को मिली थी। यह राशि विज्ञापन और मार्केट रिसर्च के नाम पर गलत कोड के साथ बैंक ट्रांजैक्शंस के जरिए हस्तांतरित की गई। इसके अलावा, नीदरलैंड के एक बैंक खाते में 7 करोड़ रुपये जमा थे, जिन्हें अंतरराष्ट्रीय डेबिट कार्ड्स के जरिए भारत में नकद निकाला गया। शुरुआती भुगतान क्रिप्टोकरेंसी के जरिए भी किए गए थे।
शोषण का तरीका और मुनाफा
जांच में सामने आया कि इस धंधे से होने वाली कमाई का 75% हिस्सा दंपति अपने पास रखते थे, जबकि मॉडल्स को सिर्फ 25% दिया जाता था। मॉडल्स को 1-2 लाख रुपये मासिक वेतन का वादा किया जाता था, लेकिन उन्हें अश्लील गतिविधियों के लिए मजबूर किया जाता था। अधिकांश पीड़ित लड़कियाँ दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र से थीं।
आरोपी का आपराधिक इतिहास
मुख्य आरोपी उज्जवल किशोर का इस तरह के अपराधों में पुराना अनुभव रहा है। वह पहले रूस में भी ऐसा रैकेट चला चुका था। भारत लौटने के बाद उसने अपनी पत्नी नीलू श्रीवास्तव के साथ मिलकर यह नेटवर्क स्थापित किया। ईडी ने वित्तीय रिकॉर्ड, बैंक लेनदेन और अन्य सबूत जब्त किए हैं, जिनकी जांच जारी है।
आगे की जांच और सवाल
ईडी ने कहा कि यह जांच अभी प्रारंभिक चरण में है और रैकेट के पूरे नेटवर्क को उजागर करने के लिए कार्रवाई जारी रहेगी। इस मामले ने स्थानीय पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए हैं, क्योंकि इतना बड़ा संगठित अपराध उनकी नजर से बचता रहा। जनता में इस घटना को लेकर आक्रोश बढ़ रहा है और कड़ी कार्रवाई की मांग की जा रही है।
इस खुलासे ने साइबर क्राइम और महिलाओं के शोषण के खिलाफ प्रभावी कदम उठाने की जरूरत को एक बार फिर रेखांकित किया है।
