नई दिल्ली/मुंबई: 26/11 मुंबई हमलों के दोषी तहव्वुर हुसैन राणा को अमेरिका से प्रत्यर्पित कर भारत लाया जा रहा है। माना जा रहा है कि वह आज, गुरुवार को दिल्ली पहुंचेगा। शुरुआती तौर पर उसे दिल्ली की तिहाड़ जेल में रखा जाएगा, जहां उसकी सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पूरी तैयारी कर ली गई है। हालांकि, उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, भविष्य में उसे मुंबई स्थानांतरित किया जा सकता है, जहां उसे कुख्यात आर्थर रोड जेल के उसी बैरक में रखा जा सकता है, जो कभी पाकिस्तानी आतंकवादी अजमल कसाब का ठिकाना हुआ करता था।
बैरक नंबर 12: क्या फिर खुलेगी ‘कसाब सेल’?
सूत्रों के अनुसार, यदि तहव्वुर राणा को मुंबई लाया जाता है, तो उसे आर्थर रोड जेल के बैरक नंबर 12 में रखा जा सकता है। यह वही उच्च सुरक्षा वाली कोठरी है, जिसमें कसाब को नवंबर 2012 में फांसी दिए जाने से पहले कैद किया गया था। आर्थर रोड जेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पहचान गुप्त रखने की शर्त पर बताया, “अभी तक कोई आधिकारिक निर्देश नहीं आया है, लेकिन सुरक्षा के लिहाज से बैरक 12 एक उपयुक्त विकल्प हो सकता है।”
यह कोठरी जेल के अन्य हिस्सों से अलग-थलग और अत्यधिक सुरक्षित है। कसाब के समय में इसमें अलग रसोई की व्यवस्था भी की गई थी। जानकारी के मुताबिक, राणा को ग्राउंड फ्लोर पर स्थित तीन विशेष सुरक्षा कोठरियों में से किसी एक में रखा जा सकता है।
पाकिस्तानी मूल, कनाडाई नागरिक और हेडली का करीबी
तहव्वुर राणा का जन्म पाकिस्तान में हुआ था, लेकिन वह कनाडा का नागरिक है। वह डेविड कोलमैन हेडली उर्फ दाऊद गिलानी का करीबी सहयोगी माना जाता है – वही हेडली जिसने 26/11 मुंबई हमलों की साजिश रचने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। राणा के संबंध पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठनों से भी बताए जाते हैं।
भारत की बड़ी कूटनीतिक सफलता
भारत को तहव्वुर राणा को अमेरिका से प्रत्यर्पित कराने के लिए कई वर्षों तक कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ी। उसने प्रत्यर्पण से बचने के लिए हर संभव कानूनी प्रयास किया, लेकिन अंततः उसे भारत लाया जा रहा है। 9 अप्रैल को अमेरिका से रवाना हुई विशेष उड़ान के जरिए वह आज भारत पहुंचेगा – जिसे राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक बड़ी सफलता के तौर पर देखा जा रहा है।
एनआईए की हिरासत और दिल्ली में पेशी तय
दिल्ली पहुंचने पर राणा को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की हिरासत में सौंप दिया जाएगा। एनआईए और रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) इस प्रत्यर्पण प्रक्रिया में समन्वय कर रहे हैं। उसे जल्द ही दिल्ली की एक अदालत में पेश किया जाएगा। राणा के खिलाफ आपराधिक साजिश, भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ना, हत्या, धोखाधड़ी और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) जैसी गंभीर धाराओं के तहत मामले दर्ज हैं।
एनआईए उससे गहन पूछताछ करेगी ताकि 26/11 हमले से जुड़े और भी खुलासे हो सकें और भारत की न्यायिक प्रक्रिया के तहत उसे उसके अपराधों के लिए जवाबदेह ठहराया जा सके।
