रांची: झारखंड सरकार द्वारा झारखंड में जातिगत जनगणना आगामी वित्तीय वर्ष में करने की घोषणा स्वागत योग्य निर्णय है। जातिगत जनगणना आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक रूप से पिछड़े लोगों को मुख्य धारा में आगे लाने का सशक्त माध्यम बनेगा।
उक्त वक्तव्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने सरकार द्वारा जातिगत जनगणना करने की घोषणा पर दिया।
उन्होंने कहा कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने पूरे देश में जातिगत जनगणना की मांग को भारत जोड़ो यात्रा और भारत जोड़ो न्याय यात्रा के माध्यम से उठाया था।
कांग्रेस का नारा है “जिसकी जितनी भागीदारी उसकी उतनी हिस्सेदारी।” इसी मूल सूत्र को लेकर कांग्रेस आम चुनाव में जनता के पास गई थी। तेलंगाना और झारखंड में कांग्रेस सरकार में है। जनता से राहुल जी ने वादा किया था कि जातिगत जनगणना के परिणामों को लागू करने के लिए 50% आरक्षण की दीवार भी तोड़ देंगे। कांग्रेस ने वादा निभाते हुये तेलंगाना में जातिगत जनगणना कर पिछड़ों के लिए 42% आरक्षण लागू कर दिया है।
उन्होंने कांग्रेस विधायक दल के नेता प्रदीप यादव उप नेता राजेश कच्छप को बधाई देते हुए कहा कि नेताद्वय ने जन भावनाओं के अनुरूप सदन में प्रश्नकाल के दौरान जातिगत जनगणना का मुद्दा उठाया और सरकार ने आगामी वित्तीय वर्ष 2025-26 में इसे पूरा करने की घोषणा की, तथा बताया कि कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार विभाग इस दिशा में कार्रवाई कर रही है। झारखंड सरकार ने जिस तरह से इस मामले में गंभीरता दिखाई है।
उसके लिए गठबंधन के मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन सहित पूरी सरकार बधाई की पात्र है। उन्होंने कहा कि जातिगत जनगणना एक तरह से समाज का एक्सरे होगा जिससे यह स्पष्ट होगा कि किस समाज की कितनी भागीदारी है और इस हिसाब से उन्हें उचित अधिकार मिल रहे हैं या नहीं। इससे समाज में व्याप्त आर्थिक,शैक्षणिक और राजनीतिक विषमताएं दूर होंगी। समाज में व्याप्त असंतुलन दूर होगा। कांग्रेस हमेशा से जन भावनाओं की कद्र करती रही है।
सामाजिक और क्षेत्रीय संतुलन के लिए राजनीतिक दलों को समय अनुसार उचित और ठोस निर्णय लेना पड़ता है, झारखंड सरकार द्वारा लिया गया यह निर्णय उचित समय पर लिया गया है जिसका फलाफल भविष्य में देखने को मिलेगा।
