केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की जमकर तारीफ करते हुए कहा कि राष्ट्रभक्ति सिखाने में संगठन का योगदान अतुलनीय है। उनके इस बयान ने RSS और BJP के बीच गहरे रिश्ते को फिर से रेखांकित किया है, लेकिन साथ ही सोशल मीडिया पर बहस भी छेड़ दी है।
अमित शाह का बयान:
टाइम्स नाउ समिट में बोलते हुए अमित शाह ने कहा कि RSS का देश के विकास में योगदान इतना बड़ा है कि इसे नापने के लिए कोई पैमाना या सिस्टम नहीं बना है।
उन्होंने कहा, “एक नागरिक को अच्छा नागरिक बनाना, राष्ट्रभक्त बनाना… इससे बड़ा योगदान देश के विकास के लिए हो ही नहीं सकता।”
RSS और BJP का रिश्ता:
RSS, जिसकी स्थापना 1925 में केशव बलिराम हेडगेवार ने की थी, एक हिंदू राष्ट्रवादी संगठन है, जो अपने को सांस्कृतिक संगठन कहता है।
इसकी विचारधारा BJP की नीतियों को प्रभावित करती रही है।
शाह ने अपने बयान में RSS की उस भूमिका को उजागर किया, जिसमें संगठन देशभक्ति और नैतिक मूल्यों को बढ़ावा देता है।
विवाद और प्रतिक्रिया:
इस बयान ने सोशल मीडिया पर बहस छेड़ दी है।
कुछ यूजर्स ने RSS के योगदान की सराहना की, तो कुछ ने इसके ऐतिहासिक रिकॉर्ड पर सवाल उठाए। कुछ का मानना है कि RSS ने स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय भागीदारी नहीं की, बल्कि हिंदू एकता पर ज्यादा ध्यान दिया।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि शाह का यह बयान BJP के कोर वोटर बेस को मजबूत करने की रणनीति का हिस्सा हो सकता है।जैसे-जैसे 2025 आगे बढ़ रहा है, यह देखना दिलचस्प होगा कि यह बयान राजनीतिक परिदृश्य को कैसे प्रभावित करता है।
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