पुरैनी : मधेपुरा जिले के आलमनगर स्थित यू भी के कॉलेज करामा में वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए वार्षिक बजट को वित्त समिति की बैठक में मंजूरी दे दी गई। इस बजट में 3 करोड़ 33 लाख 62 हजार रुपये के घाटे का अनुमान लगाया गया है। हालांकि, महाविद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ. माधवेंद्र झा ने स्पष्ट किया कि इस घाटे का शैक्षिक गुणवत्ता पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा। बैठक में शिक्षक, शासी निकाय के सदस्य और अन्य अधिकारी शामिल रहे।
बजट का विवरण: घाटा स्वीकार, शिक्षा पर जोर
वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए महाविद्यालय की अनुमानित आय 1 करोड़ 83 लाख 48 हजार रुपये और व्यय 5 करोड़ 7 लाख 10 हजार रुपये निर्धारित किया गया है। इससे कुल 3 करोड़ 33 लाख 62 हजार रुपये का घाटा अनुमानित है। प्रशासन ने साफ किया कि छात्र नामांकन में कमी आने पर घाटा बढ़ सकता है, लेकिन शैक्षिक व्यवस्था को प्रभावित नहीं होने दिया जाएगा। भविष्य में बजट में संशोधन की संभावना भी रखी गई है ताकि शैक्षिक उद्देश्यों को प्राथमिकता मिले।
वित्तीय पारदर्शिता और स्थिरता की पहल
बैठक में पिछले वित्तीय वर्षों के बकाये को चुकाने का फैसला लिया गया, जिससे महाविद्यालय की वित्तीय स्थिति मजबूत होगी। प्रधानाचार्य डॉ. झा ने कहा कि यह कदम वित्तीय पारदर्शिता को बढ़ावा देगा और भविष्य के संकटों से बचाएगा। शिक्षकों और कर्मचारियों ने इस निर्णय की सराहना करते हुए इसे संस्थान की स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण बताया।
घाटानुदान की राह आसान
घाटे के बावजूद बजट को मंजूरी दी गई है और प्रशासन अब घाटानुदान प्राप्त करने की दिशा में कदम उठाएगा। इससे महाविद्यालय की वित्तीय स्थिति को और मजबूती मिलने की उम्मीद है। अधिकारियों का कहना है कि यह बजट शैक्षिक गुणवत्ता और वित्तीय स्थिरता को संतुलित करने की दिशा में एक ठोस प्रयास है।
शिक्षकों और छात्रों में उत्साह
शिक्षक प्रतिनिधि प्रोफेसर शिव कुमार यादव सहित अन्य सदस्यों ने बजट को छात्र हित और शैक्षिक गुणवत्ता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया। छात्रों और अभिभावकों में भी इस पारदर्शी कदम को लेकर सकारात्मक माहौल है। उनका मानना है कि यह महाविद्यालय के भविष्य को सुरक्षित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
आगे की राह: सुधार और विकास
यह बजट यू बी के कॉलेज कड़ामा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है। वित्तीय स्थिरता और शैक्षिक गुणवत्ता को बनाए रखने की इस पहल से भविष्य में सुधार की उम्मीद जताई जा रही है। महाविद्यालय प्रशासन का लक्ष्य है कि घाटानुदान और अन्य संसाधनों के जरिए वित्तीय संतुलन हासिल किया जाए, ताकि शैक्षिक कार्य निर्बाध रूप से चलता रहे।
इस फैसले ने छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों के बीच विश्वास पैदा किया है और महाविद्यालय को मजबूती देने की दिशा में एक नई शुरुआत की उम्मीद जगी है।
