नई दिल्ली, 31 मार्च 2025: केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 को लेकर चल रहे विवाद पर अपनी बात रखी। रिजिजू ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोग इस विधेयक के खिलाफ आम लोगों को गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह विधेयक वक्फ संपत्तियों की पारदर्शिता और बेहतर प्रबंधन के लिए लाया गया है, लेकिन कुछ ताकतवर लोग, जिन्होंने वक्फ की जमीनों पर कब्जा कर रखा है, इसका विरोध कर रहे हैं।
रिजिजू ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “वक्फ बिल का विरोध करने वाले वही लोग हैं, जो करोड़ों की जमीनों पर कब्जा किए बैठे हैं। इस विधेयक के जरिए हम हिसाब-किताब को सही करना चाहते हैं। आलोचना करना सबका अधिकार है, लेकिन उस आलोचना में कुछ सार होना चाहिए।”
वक्फ बिल का विवाद:
वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 को पिछले साल 28 अगस्त को लोकसभा में पेश किया गया था। इस विधेयक में वक्फ बोर्ड की संरचना, वक्फ संपत्ति की पहचान और वक्फ बनाने के नियमों में बदलाव का प्रस्ताव है। एक अहम बदलाव यह है कि अब वक्फ बनाने वाला व्यक्ति कम से कम पांच साल से इस्लाम का पालन करने वाला होना चाहिए, जो 2013 के संशोधन को उलट देता है, जिसमें गैर-मुस्लिम भी वक्फ बना सकते थे। इसके अलावा, वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम सदस्यों को शामिल करने का प्रावधान भी विवाद का कारण बना है।
विपक्ष का विरोध:
विपक्षी दलों, खासकर AIMIM और कांग्रेस, ने इस विधेयक का कड़ा विरोध किया है। विपक्षी सांसदों का कहना है कि सरकार इस बिल के जरिए वक्फ संपत्तियों पर नियंत्रण करना चाहती है। संयुक्त संसदीय समिति (JPC) की बैठकों में भी इस मुद्दे पर तनाव देखा गया है। जनवरी 2025 में एक JPC बैठक के दौरान हंगामे के बाद 10 विपक्षी सांसदों को एक दिन के लिए निलंबित कर दिया गया था।
आगे की राह:
वक्फ बिल को लेकर चर्चा अभी भी जारी है, और यह विधेयक JPC के विचाराधीन है। रिजिजू ने कहा कि सरकार इस बिल को जल्द से जल्द पारित कराने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि वक्फ संपत्तियों का सही इस्तेमाल और प्रबंधन सुनिश्चित हो सके।
