झारखंड भवन में कमरा नहीं मिलने पर फर्श पर बैठ गये बीजेपी विधायक, कानों कान पहुंची खबर ,मचा हड़कंप

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रांची/नई दिल्लीः झारखंड भवन, दिल्ली में पीएस के लिए कमरा नहीं मिलने पर पांकी से भाजपा विधायक कुशवाहा शशिभूषण मेहता इतने नाराज हुए कि रिसेप्शन के सामने धरना पर बैठ गये. फर्श पर अपने दोनों शूटकेस रख दिए और टिफिन खाने लगे. इस दौरान उन्होंने अपने पीएस के मार्फत कई जगह ताबड़तोड़ फोन भी घुमाए. यह बात दिल्ली से रांची तक आ गई.माननीय इतने नाराज थे कि झारखंड भवन में तैनात कर्मी पशोपेश में पड़ गये. कर्मियों ने बताया कि माननीय के लिए कमरा तैयार है. पीएस की व्यवस्था राज्य सरकार द्वारा रेंट पर लिए गये होटल आर्क में कर दी जाएगी लेकिन माननीय नहीं माने. इतना हंगामा मचा कि किसी तरह झारखंड भवन में ही उनके पीएस के लिए कमरा मुहैया करना पड़ा.माननीय द्वारा धरना देने की बात मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन तक पहुंच गई. उन्होंने फौरन मंत्री इरफान अंसारी को समाधान करने का निर्देश दिया. मंत्री ने भाजपा विधायक कुशवाहा शशिभूषण मेहता से फोन पर बात की धरना समाप्त करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार सभी विधायकों का समान रूप से सम्मान करती है. वे किसी भी दल से हों.व्यवस्था को दुरुस्त करने में थोड़ा समय लग रहा है. नया झारखंड भवन बनकर तैयार है और जल्द ही ऐसी समस्याएं नहीं आएगी. लगे हाथ मंत्री इरफान अंसारी ने नाराज भाजपा विधायक से हुई बातचीत का वीडियो भी जारी कर दिया. इस मामले में भाजपा विधायक कुशवाहा शशिभूषण मेहता का पक्ष जानने के लिए संपर्क किया गया. लेकिन वे किसी मीटिंग में व्यस्त थे.झारखंड भवन के कर्मियों ने ईटीवी भारत को बताया कि कमरे की बुकिंग रांची में मंत्रिमंडल सचिवालय के स्तर से होती है. पांकी विधायक कुशवाहा शशिभूषण मेहता ने दो कमरे की बुकिंग का आवेदन दिया था. उनके लिए एक कमरा बुक था. दूसरे कमरा के बारे में स्पष्ट था कि उपलब्धता की सूरत में अलॉट हो पाएगा. क्योंकि झारखंड भवन में कुल 20 कमरे हैं. शेष 10 कमरे होटल आर्क में रखे गये हैं.विधायक, सांसद के साथ-साथ अधिकारियों का दिल्ली आगमन होता रहता है. अधिकारी तो कार्यक्रम के बाद समय पर कमरा खाली कर लौट जाते हैं. लेकिन समय पर काम नहीं होने पर माननीयों को अक्सर ज्यादा समय के लिए रुकना पड़ता है. आमतौर पर सिर्फ तीन दिन के लिए ही कमरा अलॉट होता है. ऐसे में माननीयों के ज्यादा दिन तक रुकने पर दूसरे के लिए दिक्कत खड़ी होती है.परेशानी की बड़ी वजह है झारखंड भवन में चेक-इन और चेक-आउट की व्यवस्था का ना होना. कमरे कम हैं, लोड ज्यादा है. वहां के कर्मी ने बताया कि बसंत विहार में 45 कमरों वाला नया झारखंड भवन बनकर तैयार है. उम्मीद है कि जून माह में ही उसका संचालन शुरु हो जाएगा. तब इस तरह की परेशानी नहीं होगी. सबसे खास बात है कि झारखंड भवन में पांच सितारा होटल जैसी व्यवस्था रहती है. लेकिन एक कमरे के बदले माननीयों को सिर्फ 100 रु. देने पड़ते हैं. जबकि कैंटीन के खाने का पूरा पैसा देना पड़ता है.

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