काठमांडू। नेपाल में अंतरिम प्रधानमंत्री के नाम को लेकर गतिरोध गहराता जा रहा है। गुरुवार को इस मुद्दे पर Gen-Z दो गुटों में बंट गया और सेना मुख्यालय के बाहर दोनों पक्षों के बीच हाथापाई हो गई। झड़प में कई युवक घायल हुए। सूत्रों के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों के एक गुट ने अंतरिम पीएम के लिए पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की का नाम खारिज कर दिया है। उनका आरोप है कि कार्की भारत समर्थक हैं और उन्हें यह स्वीकार नहीं। यह गुट काठमांडू के मेयर बालेन शाह को प्रधानमंत्री बनाने की मांग कर रहा है। शाह का नाम मंजूर न होने पर धरान के मेयर हरका सम्पांग को विकल्प के तौर पर सामने रखा गया है। सेना मुख्यालय में बीते दो दिनों से प्रदर्शनकारियों और अधिकारियों के बीच बातचीत चल रही है। हालांकि एक गुट ने बैठक राष्ट्रपति भवन में कराने की मांग की है। इसी बीच काठमांडू में तख्तापलट के दो दिन बाद गुरुवार को Gen-Z नेताओं ने खुलकर मोर्चा संभाल लिया। नेता अनिल बनिया और दिवाकर दंगल ने कहा कि यह आंदोलन युवाओं का है, जिन्होंने बुजुर्ग नेताओं की राजनीति से ऊबकर सड़कों पर उतरने का फैसला किया है। उनके मुताबिक, मकसद संविधान बदलना नहीं बल्कि संसद को भंग करना है। बढ़ते तनाव को देखते हुए सेना ने एहतियातन राजधानी काठमांडू और आसपास के इलाकों में तीसरे दिन भी कर्फ्यू जारी रखा है। अब तक की हिंसा में 34 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 1500 से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं। स्थिति पर काबू पाने के लिए सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ा दी गई है।
