नई दिल्ली : विपक्षी गठबंधन इंडिया ने मंगलवार को रिटायर्ड जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया है। उनका सीधा मुकाबला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एन.डी.ए.) के उम्मीदवार सी.पी. राधाकृष्णन से होगा। 79 वर्षीय रेड्डी आंध्र प्रदेश के रहने वाले हैं। वे गुवाहाटी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश और गोवा के पहले लोकायुक्त रह चुके हैं। 2007 में उन्हें उच्चतम न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त किया गया था। न्यायिक क्षेत्र में उनकी निष्पक्षता और ईमानदार छवि के कारण विपक्षी गठबंधन ने उन्हें उम्मीदवार बनाया है। खास बात यह है कि इस बार दोनों उम्मीदवार दक्षिण भारत से हैं। रेड्डी आंध्र प्रदेश से आते हैं, जबकि राधाकृष्णन तमिलनाडु से हैं। प्रक्रिया के तहत राधाकृष्णन 20 अगस्त को और रेड्डी 21 अगस्त को नामांकन दाखिल करेंगे। नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 21 अगस्त है, जबकि उम्मीदवार 25 अगस्त तक नाम वापस ले सकते हैं। उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए 9 सितम्बर को मतदान होगा और उसी दिन मतगणना भी की जाएगी। संसदीय कार्य मंत्रालय ने साफ किया है कि चुनाव प्रक्रिया पूरी तरह समयबद्ध तरीके से होगी। यह चुनाव मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य में अहम माना जा रहा है, क्योंकि उपराष्ट्रपति का पद राज्यसभा के सभापति का भी होता है। वर्तमान में यह चुनाव जगदीप धनखड़ के इस्तीफे की वजह से कराया जा रहा है। धनखड़ ने 21 जुलाई की रात अचानक पद छोड़ दिया था। उनका कार्यकाल 10 अगस्त 2027 तक था। विशेषज्ञों का मानना है कि चुनाव में आंकड़े एन.डी.ए. के पक्ष में हैं, क्योंकि लोकसभा और राज्यसभा में सत्तारूढ़ दल का बहुमत है। हालांकि, विपक्ष का कहना है कि यह चुनाव केवल संख्याओं का नहीं बल्कि संवैधानिक पद की गरिमा और लोकतांत्रिक संदेश का भी है। राजनीतिक गलियारों में यह मुकाबला दक्षिण बनाम दक्षिण और न्यायपालिका बनाम राजनीति के प्रतीकात्मक संघर्ष के रूप में देखा जा रहा है।
