नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने रविवार को चुनाव आयोग पर आरोप लगाया कि वह अब भाजपा का “बैक ऑफिस” बन गया है। खड़गे ने कहा कि चुनाव आयोग ने वोटर फ्रॉड मामले से जुड़ी अहम जानकारी देना बंद कर दिया है। खड़गे ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि मई 2023 में अलंद विधानसभा क्षेत्र में बड़ी संख्या में मतदाता सूची से नाम हटाए गए थे। जांच एजेंसियों ने 5,994 फर्जी आवेदन पकड़े थे, जो बड़े पैमाने पर वोटरों को हटाने का सबूत थे। शुरुआत में चुनाव आयोग ने कुछ दस्तावेज साझा किए, लेकिन बाद में भाजपा के दबाव में आकर जानकारी देने से इनकार कर दिया। खड़गे ने चेतावनी दी कि इस तरह असली गुनहगार बच सकते हैं। खड़गे ने कहा, “हमने शुरू में चुनाव आयोग से सबूत मांगे थे, लेकिन अब वह भाजपा के दबाव में जानकारी रोक रहा है। यह लोकतंत्र के लिए चिंता का विषय है।” चुनाव आयोग ने खड़गे के आरोपों पर अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। हालांकि पहले आयोग ने कांग्रेस के वोट चोरी के दावों को बेबुनियाद करार दिया था। इससे पहले, राहुल गांधी ने महाराष्ट्र चुनावों के बाद वोटर लिस्ट में गड़बड़ी पर 22 पेज का प्रेजेंटेशन दिया। उन्होंने दावा किया कि मशीन रीडेबल वोटर लिस्ट न देने से यह स्पष्ट हुआ कि चुनाव आयोग ने भाजपा के साथ मिलकर चुनाव चोरी में मदद की। राहुल ने कहा कि इसी मॉडल का प्रयोग देश की कई लोकसभा और विधानसभा सीटों पर हुआ। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को सचेत रहने और अपने मताधिकार के लिए सजग रहने का संदेश दिया।
