महेशपुर : थाना क्षेत्र के मौजा तुलसीपुर गांव में दो पक्षों के बीच लगभग 35 बीघा जमीनी विवाद को लेकर ग्रामीणों के द्वारा लगाए गए धान को शुक्रवार को सीओ संजय कुमार सिन्हा की उपस्थिति में प्रशासन ने काटाया। काटे गए धान को बेचकर जो भी राशि होगा उसे सरकारी खजाना में जमा किया जाएगा ताकि बाद में विवादित जमीन का फैसला जिसके भी पक्ष में आएगा उस पक्ष को सरकारी खजाना में रखे गए राशि को दिया जाएगा। ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार मौज तुलसीपुर, जमाबंदी संख्या 19, थाना संख्या 71 में कुल 35 बीघा जमीन को लेकर गांव के ही गोमो सोरेन एवं प्रधान किस्कू के बीच विवाद चल रहा था। दोनों का जमीनी विवाद कोर्ट में लंबित था। इसी बीच एसडीओ कोर्ट से गोमो सोरेन के पक्ष में फैसला सुनाया। इसके बाद प्रधान किस्कू ने उपायुक्त को इसकी शिकायत किया। इसी बीच गांव के 16 आना रैयतों ने 35 बीघा में से आठ बीघा खेत में धान का रोपाई किया। धान की बाली निकलते ही प्रशासन के द्वारा विवादित जमीन पर 144 लगा दिया गया।
इसके बाद ग्रामीणों ने धान की फसल नष्ट नहीं हो इसको लेकर उपायुक्त को आवेदन दिया कि विवादित जमीन में जो भी धान की फसल है। उस फसल को नष्ट नहीं होने देना है। प्रशासन उस फसल को अपने देखरेख में काटकर सरकारी खजाना में राशि को रखें। ग्रामीणों के आवेदन पर उपायुक्त ने निर्देश दिया कि धान की फसल बर्बाद नहीं हो। इस कारण प्रशासन धान को काटकर निर्धारित मूल्य पर बेचेंगे और जो भी राशि होगा उसे बेचकर कोर्ट के फैसल जिसके पक्ष में आएंगे उस पक्ष को वापस करना है। सीओ ने बताया कि विवादित जमीन में ग्रामीणों के द्वारा लगाए गए धान को प्रशासन की देखरेख में काटा जा रहा है। न्यायालय का फैसला जिसके पक्ष में आएगा उस पक्ष को धान कटनी की राशि आपस लौटा दी जाएगी। मौके पर थाना प्रभारी विकर्ण कुमार, अंचल निरीक्षक उपेंद्र यादव, एसएसआइ जयशंकर राम, प्रेम मरांडी, अंचल अमीन उमाकांत यादव, कर्मचारी बाबूजी बास्की मौजूद थे।
