भागलपुर। जिले में शिक्षकों द्वारा फर्जी उपस्थिति दर्ज किए जाने के बढ़ते मामलों को गंभीरता से लेते हुए शिक्षा विभाग ने अब सख्त रुख अख्तियार कर लिया है। इस मामले को लेकर राज्य शिक्षा मुख्यालय द्वारा सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को स्पष्ट निर्देश जारी कर दिए गए हैं कि फर्जी अटेंडेंस बनाने वालों की जांच कर उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। इसी क्रम में भागलपुर जिला शिक्षा विभाग ने भी तैयारी शुरू कर दी है। जानकारी के अनुसार, शुक्रवार से अटेंडेंस कोषांग की विशेष टीम द्वारा रैंडमली आधार पर स्कूलों के अटेंडेंस की जांच होगी। जांच में जो भी शिक्षक फर्जी उपस्थिति दर्ज करते हुए पाए जाएंगे, उनके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई की जाएगी। इस बाबत डीपीओ स्थापना देवनारायण पंडित ने बताया कि ई-शिक्षा पोर्टल पर दर्ज उपस्थिति का गहन विश्लेषण किया जाएगा। पहले से जिन शिक्षकों को उपस्थिति से संबंधित मामलों में स्पष्टीकरण देना पड़ा है, उनकी पुरानी फाइलों की भी जांच की जाएगी। यदि फर्जीवाड़ा सिद्ध होता है, तो उन पर भी सख्त कार्रवाई होगी। डीपीओ ने जिले के शिक्षकों से अटेंडेंस मामले में संबंध में सतर्क किया है कि वे उपस्थिति दर्ज करते समय सही और अद्यतन जानकारी ही प्रस्तुत करें। नहीं तो पकड़े जाने पर उन पर कार्रवाई होगी साथ ही साथ मामला अगर गंभीर हुआ तो नौकरी भी जा सकती है। फर्जी अटेंडेंस की समस्या से निपटने के लिए शिक्षा विभाग ने तकनीक का सहारा लेने का निर्णय लिया है। डीईओ कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, अब ई-शिक्षाकोष ऐप के माध्यम से शिक्षकों की उपस्थिति की पुष्टि फेस रिकॉग्निशन टेक्नोलॉजी से होगी। यह तकनीक इस बात की गारंटी देगी कि उपस्थिति दर्ज करते समय अपलोड की गई तस्वीर वास्तविक है या किसी स्कैन की गई फोटो या पुरानी तस्वीर का उपयोग किया गया है।इससे अटेंडेंस में हेरफेर की संभावना लगभग समाप्त हो जाएगी। शिक्षा विभाग का मानना है कि इस अत्याधुनिक तकनीक के इस्तेमाल से उपस्थिति प्रणाली में पारदर्शिता आएगी और अनुशासन भी बना रहेगा। विभाग का यह कदम न केवल जवाबदेही तय करेगा बल्कि शिक्षकों में समय पालन की संस्कृति को भी बढ़ावा देगा।
