रांची : रांची के कांके में आज पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर हल जोतो, रोपा-रोपो आंदोलन को ऐतिहासिक करार दिया। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक सख्ती और गिरफ्तारियों के बावजूद आदिवासी-मूलवासियों ने हल भी जोता और रोपा भी किया। चंपाई ने आरोप लगाया कि RIMS-2 के नाम पर कभी जमीन अधिग्रहण की बात नहीं आई, फिर भी सरकार बिना नोटिस दिए अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर रही है। 2013 में जमीन अधिग्रहण कानून बना, उसमें भी कई प्रावधान किए गए हैं। उन्होंने साफ कहा कि “हमने कभी RIMS-2 का विरोध नहीं किया, लेकिन किसी को भूमिहीन भी नहीं होने देंगे। सरकार को विकास योजनाओं के साथ-साथ मूलवासी-आदिवासियों के हितों की भी चिंता करनी चाहिए।” चंपाई ने हेमंत सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि जमीन छीनने की कोशिश से खेती-किसानी और झारखंडियों का अस्तित्व संकट में पड़ जाएगा। सरकार का सोच होना चाहिए कि हम योजना को कैसे आगे ले जाये। सोच होना चाहिए कि झारखंडी मूलवासी ने किस तरह से झारखंड को अलग किया। पूर्व सीएम ने कहा कि झारखंडी का खेती चला जायेगा, वो कहीं का नहीं रहेंगे। चंपाई सोरेन ने कहा कि आज अहले सुबह सात बजे मुझे हाउस अरेस्ट कर लिया गया। कुछ देर के लिए लगा कि आंदोलन सफल नहीं होगा लेकिन वहां के आदिवासी, मूलवासियों ने उसे सफल बनाया। नगड़ी के साथ-साथ, झारखंड के सीएनटी-एसपीटी एक्ट का उल्लंघन हो रहा है और झारखंड में डेमोग्राफी बदल रहा है, उसे लेकर भी फिर से आन्दोलन में आएंगे। हमारे पूर्वज बंदूक को देख कर कभी नहीं झुके, तो आज भी नहीं झुके।
