धनबाद। कोयला राजधानी धनबाद को हिला देने वाले बहुचर्चित नीरज हत्याकांड में आठ वर्षों की लंबी सुनवाई के बाद आखिरकार अदालत ने अपना ऐतिहासिक फैसला सुना दिया। अदालत ने जहां झरिया के पूर्व भाजपा विधायक समेत दस आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए बाइज्जत बरी कर दिया। यह वही कांड है जिसने 21 मार्च 2017 की शाम को धनबाद की सड़कों को गोलियों की तड़तड़ाहट से दहला दिया था। सरेआम हुई अंधाधुंध गोलीबारी में नीरज सिंह समेत चार लोगों की मौत हुई थी। लंबे समय से राजनीति और अपराध के गठजोड़ का प्रतीक माने जा रहे इस मामले में अदालत का फैसला न केवल न्याय की जीत है, बल्कि यह भी स्पष्ट संदेश है कि अपराध चाहे कितना ही चर्चित क्यों न हो, कानून की तराजू में सबको समान देखा जाता है । यह मामला वर्षों से धनबाद की राजनीति और अपराध जगत में चर्चा का केंद्र रहा। अदालत में गवाहों के बयान, सबूतों की पेशी और जिरह के सिलसिले ने पूरे आठ साल तक न्याय के तराजू को संतुलित रखा। अंततः, न्याय के पलड़े में सच भारी पड़ा। वहीं कोर्ट का फैसला आने के बाद नीरज सिंह के भाई अभिषेक सिंह ने कहा फैसले की कॉपी मिलने के बाद हाई कोर्ट में इस आदेश को चुनौती देंगे। वहीं फैसला आने के बाद संजीव सिंह के समर्थक कोर्ट रोड में खुशी मनाते हुए नजर आए। कोर्ट का फैसला आने के बाद पूर्व विधायक संजीव सिंह की पत्नी और झरिया विधायक रागिनी सिंह ने अपने समर्थकों के साथ खूब जश्न मनाया।
