रांची : ऐतिहासिक जगन्नाथपुर मंदिर में बुधवार को देव स्नान यात्रा उत्सव आस्था, भक्ति और परंपरा के माहौल में मनाया गया. इस पावन अवसर पर भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की प्रतिमाओं को औषधीय जल से स्नान कराया गया. इस भव्य आयोजन में हजारों श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया और विधि-विधान से पूजा-अर्चना की गई.
मंदिर प्रबंधन के अनुसार देव स्नान यात्रा का कार्यक्रम दिन में 12 बजे से शुरू हुआ और लगभग 3 बजे तक चला. प्रारंभ में प्रभु को विशेष पूजा अर्चना के बाद भोग अर्पित किया गया. इसके बाद गर्भगृह से महाप्रभु जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा को शोभायात्रा के रूप में स्नान मंडप तक लाया गया, जहां तीनों विग्रहों को 51-51 कलशों में संग्रहित औषधीय जल से स्नान कराया गया.स्नान क्रम में पहले बलभद्र, फिर सुभद्रा और अंत में महाप्रभु जगन्नाथ की पूजा की गई. इस अनुष्ठान का संचालन पुजारी रामेश्वर पाढ़ी, सरयू नाथ मिश्रा, कौस्तुभ धर नाथ मिश्रा और श्रीराम मोहंती ने किया. मंदिर के प्रथम सेवक ठाकुर सुधांशु नाथ शाहदेव इस अनुष्ठान के यजमान रहे. स्नान उत्सव के बाद भगवान को परंपरानुसार गरुड़ मंदिर में 15 दिनों के लिए एकांतवास में रखा जाएगा. धार्मिक मान्यता है कि स्नान के बाद महाप्रभु अस्वस्थ हो जाते हैं और इस अवधि में उन्हें विशेष उपचार दिया जाता है. इस दौरान कलाकार भगवान को नया स्वरूप प्रदान करते हैं.26 जून को नेत्रदान महोत्सव के साथ प्रभु के दर्शन पुनः सुलभ होंगे. इस दिन शाम 4:30 बजे से विशेष पूजा के बाद भक्त भगवान जगन्नाथ के दर्शन कर सकेंगे. इसके अगले दिन, 27 जून को रथ यात्रा का आयोजन होगा, जिसमें हजारों श्रद्धालु हिस्सा लेंगे. वहीं 6 जुलाई को घुरती रथ यात्रा निकाली जाएगी.
